खंडवा। जिले के आदिवासी अंचल खालवा में कुपोषण मिटाने के लिए साल 2011 में शुरू की गई केन्द्र सरकार की अभिनव भारत योजना के अंतर्गत 'बाड़ी परियोजना' में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. इस फर्जीवाड़े में मुख्य आरोपी के रूप में एक भाजपा नेता का नाम सामने आया है.
'बाड़ी परियोजना' वह योजना है जिसमें हितग्राही कुपोषित बच्चों के परिवार के आंगन में फल-सब्जी लगाकर उन्हें प्रशिक्षित किया जाना था. खंडवा की एक एनजीओ तेजस्वी लोक कार्यक्रम और शोध संस्थान के संचालक और भाजपा के कद्दावर नेता राजेश तिवारी ने इस परियोजना के तहत आदिवासियों को योजना का लाभ देने के लिए काम लिया था.
आरोप है कि राजेश तिवारी ने 'बाड़ी परियोजना' में करीब 633 आदिवासियों के लिए सरकार द्वारा जारी की गई 50 लाख 40 हजार रुपए की राशि आदिवासियों को देने की जगह अपने पास रख ली. जिसके बाद फर्जीवाड़ा कर उसके वितरण की जानकारी भेज दी.
मामले का खुलासा एक आरटीआई कार्यकर्ता भविष्य जैन ने किया. साक्ष्य सामने आने पर भविष्य ने कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को शिकायत की. जांच कराए जाने पर राजेश तिवारी के खिलाफ सबूत सही पाए गए. दोषी पाए जाने के बाद खालवा थाने में राजेश तिवारी के विरुध आईपीसी की धारा 420, 409 और 406 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया. मामला दर्ज होते ही भाजपा नेता फरार हो गया. जिसकी खालवा पुलिस तेजी से तलाश कर रही है. गौरतलब है कि राजेश तिवारी को मंत्री विजय शाह का खास बताया जाता है. उनके हर दौरे में राजेश साथ मौजूद रहते हैं.