जल संकट: निगम कमिश्नर को हाईकोर्ट ने दी अंतिम चेतावनी

ग्वालियर। हाईकोर्ट की युगल पीठ ने नगर निगम आयुक्त को फटकार लगाते हुए पूछा कि क्या निगम ने जनता को रोज पानी सप्लाई नहीं करने को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है? जब कोर्ट ने रोज पानी की सप्लाई का आदेश दिया है तो क्यों नहीं की जा रही है? कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर रोज पानी नहीं दिया तो अवमानना का केस चलाया जाएगा।

इसलिए निगम आयुक्त, कलेक्टर के साथ बैठकर 29 फरवरी को पॉजिटिव रिस्पॉन्स के साथ कोर्ट में हाजिर हों। इसके अलावा परिषद में एक दिन छोड़कर पानी सप्लाई के फैसले पर सहमति देने वाले पार्षदों के नाम भी मांगे हैं, और उन पर भी अवमानना चलाने की चेतावनी दी है। याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति यूसी माहेश्वरी व न्यायमूर्ति सुशील कुमार गुप्ता ने की।

पानी सप्लाई को लेकर एसके शर्मा ने जनहित याचिका दायर की है। न्यायमित्र योगेश चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि तिघरा में पर्याप्त पानी उपलब्ध है। जल संसाधन विभाग ने 31 अगस्त तक का पानी तिघरा में होना बताया है, लेकिन नगर निगम रोज सप्लाई नहीं कर रहा है। पिछली सुनवाई पर प्रतिदिन पानी देने का आदेश दिया था, लेकिन उसका पालन नहीं किया गया। शासन की ओर से पैरवी कर रहे डिप्टी महाधिवक्ता विशाल मिश्रा ने बताया कि शहर में सप्लाई नगर निगम को करनी है।

अगर शहर में रोज आपूर्ति की जाती है, तो 31 अगस्त तक का पानी है। इसके लिए नगर निगम को अवगत भी करा दिया है। नगर निगम आयुक्त अनय द्विवेदी ने बताया कि 14 दिसंबर 2015 को परिषद में चर्चा करके फैसला लिया गया कि रोजाना पानी की सप्लाई करने से जल संकट ख़ड़ा हो सकता है। इसलिए एक दिन छोड़कर पानी दिया जाना चाहिए।

आयुक्त ने बताया कि परिषद का फैसला आने के बाद भी 6 जनवरी तक प्रतिदिन पानी देना जारी रखा, लेकिन जल संसाधन विभाग से पर्याप्त पानी नहीं मिला, जिसकी वजह से कटौती करनी पड़ी। अगर अब प्रतिदिन सप्लाई करनी है तो परिषद में ही फैसला होगा। कोर्ट ने आयुक्त से कलेक्टर के साथ हुई बैठक के संबंध में पूछा तो उन्होंने बताया कि एक बैठक हो चुकी है, जिसमें प्रतिदिन जल आपूर्ति का प्लान पेश नहीं कर पाए थे। इसलिए दुबारा बैठक करनी होगी।

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