
बुधवार को जनहित याचिकाकर्ता डॉ.नाजपांडे ने अवगत कराया कि 16 जुलाई 2014 को लोकायुक्त ने हाईकोर्ट में हलफनामे के जरिए जानकारी प्रस्तुत करके बताया था कि कुल 11 मंत्रियों के खिलाफ जांच की गई, जिनमें से 9 की जांच पूरी हो गई, जबकि सिर्फ 2 की जांच लंबित है। इसी तरह कुल 46 अफसरों के खिलाफ जांच की गई, जिनमें से फिलहाल सिर्फ 15 के खिलाफ जांच लंबित है।
2 और 15 नहीं : 3 और 17
डॉ.नाजपांडे ने हाईकोर्ट में नई जानकारी पेश करके बताया है कि वर्तमान में 2 मंत्रियों और 15 अफसरों के खिलाफ नहीं बल्कि 3 मंत्रियों व 14 अफसरों के खिलाफ 17 शिकायतों पर जांच लंबित है। इसकी कछुआ चाल चिंताजनक है। लिहाजा, निर्देश जारी कर समयबद्ध तरीके से जांच पूरी कराई जाए।
मंत्री मलैया, गौर व अनूप मिश्रा
उन्होंने बताया कि नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा आवास पर्यावरण मंत्री जयंत मलैया के खिलाफ संबंधित प्रकरण में प्रतिवेदन अपेक्षित है। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री बाबूलाल गौर के खिलाफ विस्तृत जांच प्रतिवेदन विभाग से मांगा गया है। इसी तरह जल संसाधन मंत्री अनूप मिश्रा के खिलाफ संबंधित विभाग से जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है।
अफसर गोपाल रेड्डी व राजेश राजौरा सहित अन्य- कुल 14
अधिकारियों गोपाल रेड्डी, राजेश राजौरा, विवेक अग्रवाल, नीरज मंडलोई, राकेश श्रीवास्तव, निकुंज श्रीवास्तव, बीएम शर्मा, अंजू सिंह बघेल, शशि कर्णावत, एमके सिंह, लक्ष्मीकांत द्विवेदी, केपी राही, एमएस मिलाला और राजकुमार पाठक के खिलाफ 17 मामलों की जांच लंबित है। इनमें से निकुंज श्रीवास्तव के खिलाफ 2, बीएम शर्मा के खिलाफ 2, शशि कर्णावत के खिलाफ 2, जबकि अन्य के खिलाफ एक-एक मामले में या तो प्रतिवेदन अपेक्षित है या फिर प्रकरण परीक्षणाधीन अथवा शासन स्तरीय जांच लंबित है।