कृमिनाशक दवा खाने से बच्चे बीमार

झाबुआ। राष्ट्रीय कृमिनाशक दिवस (नेशनल डीवॉर्मिंग डे) के मौके पर झाबुआ में स्कूलों में दी गई दवाई को खाने से करीब 29 छात्र-छात्राएं बीमार हो गए. फिलहाल सभी छात्र-छात्राओं का इलाज अस्पताल में जारी है.

जानकारी के मुताबिक, नेशनल डीवॉर्मिंग डे पर पेटलावद के ग्रामीण इलाकों में स्थित सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को पेट के किटाणू खत्म करने की दवा के पैकेट दिए गए थे. जिन्हें बच्चों में वितरित किया जाना था. वितरण के बाद गोली खाने के थोड़े समय बाद ही छात्र-छात्राओं की तबीयत बिगड़ने लगी. उन्हें पेट दर्द की शिकायत के बाद तुरंत अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत उपचार शुरू कर दिया.

बीमार हुए छात्र-छात्राएं जिले के बावड़ी गांव की बालिका छात्रावास और कुडवास स्कूल के हैं. जहां बालिका छात्रावास की 12 छात्राओं को भर्ती किया गया है, वहीं कुडवास स्कूल के 17 छात्र-छात्राएं अस्पताल में उपचार ले रहे हैं. बताया जा रहा है कि इन स्कूलों में वितरित की गई दवाई खुले पैकेट में थी. ऐसे में दवाई में गड़बड़ होने का अंदेशा जताया जा रहा है.

डाकिया टोला के सात बच्चे बीमार

अनूपपुर। पुष्पराजगढ़ अंतर्गत डाकिया टोला के सात बच्चे कृमिनाशक दवा के सेवन से अचानक बीमार पड़ गये। इसकी सूचना तत्काल उच्चाधिकारियों को दिये जाने पर बच्चों का ईलाज कराया गया, अब सभी बच्चे खतरे से बाहर बतलाये जा रहे हैं। राष्ट्रीय कृमिनाशक दिवस (नेशनल डीवॉर्मिंग डे) के अवसर पर अनूपपुर के स्कूलों में बच्चों को एलबेन्डाजोल की दवा दी गई । डाकिया टोला (पुष्पराजगढ़) के सरकारी विद्यालय में बच्चों को यह दवा दी गई तो उनमें  से सात बच्चों की हालत खराब होने लगी। गोली खाने के थोड़े समय बाद ही बच्चों की तबीयत बिगडऩे लगी। उन्हें पेट दर्द की शिकायत के बाद तुरंत अस्पताल ले जाया गया। जहां उनका ईलाज कर सकुशल घर भेज दिया गया। इसकी पुष्टि करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर पी श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चों का समुचित ईलाज किया गया है और कोई भी बच्चा खतरे में नहीं है। जानकारों का मानना है कि यह दवा खाली पेट लेने के कारण परेशानी हुई।
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