अनूपपुर। जिले के चचाई थाना अंतर्गत ग्राम बकही में सेल्फी के चक्कर 14 वर्षीय मनीष सिंह उर्फ छोटू अपने जीवन से हाथ धो बैठा। दरअसल कल मनीष अपने जन्मदिन की खुशियों को मोबाइल के कैमरे मे कैद करने अपने जुडवा भाई वरूण व दोस्तो के साथ वर्षों से बंद पडी बकही कोयला खदान के समीप पहुंचा। पीछे उसने खाई को न देखते हुये अपना पूरा दिमाग कैमरे की ओर सेल्फी लेने मे लगा दिया और क्षण भर मे ही वह मौत की खाई मे गिर गया।
उधर मनीष के जन्मदिन की खुशियां मनाने के लिए मां-बाप, बहन घर को सजाये हुये थे। मनीष घर का लाडला था। स्कूल मे भी वह हमेशा अव्वल रहा, इसकी वजह से उसके दोस्त भी हमेशा उसके जन्मदिन की खुशी मनाते रहे हैं। 4 जनवरी की शाम मनीष जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए वह घर से निकल पडा। शाम तक परिवार मनीष के लौटने का इंतजार कर रहे थे लेकिन उन्हें क्या मालूम की अब उनका लाडला घर लौट कर नहीं आयेगा, बल्कि उसका शव घर पहुंचेगा। मनीष के खाई मे गिरने की खबर को लेकर भागा-भागा उसका जुडवा भाई वरूण घर पहुंचा। वरूण कुछ बोलने से पहले ही जमीन पर गिर गया कुछ देर बाद उसे पानी छिड़ककर होश मे लाया गया जैसे ही उसने घर में इस घटना को बताया वैसे ही चीख पुकार मच गई। रात हो जाने के कारण मनीष का शव मौत की खाई से नहीं निकाला जा सका। आज 5 फरवरी को प्रात: शव निकाला गया और परिवार जनों को सौंप दिया गया।
जिले मे एसईसीएल की कई ऐसी खदानें हैं जो कई जिंदगियों को मौत के आगोश मे सुला चुकी हैं। आये दिन यहां बंद पडी खुली खदानो मे हादसे हो रहे हैं, लेकिन एसईसीएल प्रबंधन मौन धारण किये हुये हैं। उधर प्रशासन भी एसईसीएल पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नही करता। जबकि नियम है कि कोयला उत्खनन के बाद उन खदानों को पूरी तरह से मिट्टी भर कर पाट दें। इतना ही नहीं इसे पाटने के बाद यहां वृक्षारोपण किया जाना चाहिये, लेकिन यह सब कुछ कागजो तक ही सीमित है। कॉलरी प्रबंधन पर जब तक कानूनी शिकंजा नहीं कसेगा तब तक और न जाने कितनी मॉओं की गोद उजडेगी।