
उन्होंने बताया कि नए नियम के मुताबिक अब वकील किसी भी एक अधिवक्ता संघ के सदस्य बनेंगे और उसी के चुनाव में मतदान कर सकेंगे। इस तरह पहले की तरह भर्राशाही नहीं चलेगी कि एक से अधिक अधिवक्ता संघों की सदस्यता ले ली और सबके चुनाव में मताधिकार का प्रयोग करने लगे।
चूंकि ऐसा करने से वकालत के प्रोफेशन में राजनीतिक-प्रदूषण फैलता है, अत: इस रवैये पर अंकुश लगा दिया गया। जबकि अधिवक्ता संघों का मूल उद्देश्य अधिवक्ता कल्याण की दिशा में सक्रिय रहना है। बार का आशय राजनीति का अखाड़ा नहीं बल्कि वकालत की पुस्तकों का अध्ययन व वकालत संबंधी ज्ञान के आदान-प्रदान के मंच से लगाया जाना चाहिए।