8वीं पास ने बनाया हाइब्रिड रिक्शा

वाराणसी। कहते हैं न आवश्यकता आविष्कार की जननी है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है वाराणसी के एक रिक्शा चालक ने. हाइब्रिड कारों और और दूसरे वाहनों के बारे में हम सभी जानते हैं. आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से ऐसे वाहन एक से अधिक तरह के इंधनों से चलते हैं. लेकिन वाराणसी के रमेश ने एक हाइब्रिड साइकिल रिक्शा का आविष्कार किया है जो पैडल के साथ ही पेट्रोल से भी चलता है.

हाइब्रिड साइकिल रिक्शा के फीचर्स 
इस रिक्शे को अपने दिमाग और देशी जुगाड़ से बनवाया है वाराणसी के एक रिक्शाचालक ने और वो भी बहुत कम खर्च में. इस रिक्शे में उसने स्कूटर के पुराने इंजन और पार्ट्स का इस्तेमाल किया है. साथ ही रिक्शे पर सवारी करने वालों की सुविधा का भी इसमें खास ख्याल रखा गया है. हाइब्रिड इसलिए कि यह रिक्शा पैडेल से भी चलता है और पेट्रोल इंजन से भी. जब जैसी जरुरत तब वैसा इस्तेमाल.

सबसे आगे रिक्शे की साधारण हैंडल की जगह स्कूटर की हैंडल क्लच और गियर के साथ. स्कूटर का पैर वाला ब्रेक भी इसमें लगा है. रिक्शे में नीचे की तरफ स्कूटर का पुराना इंजन और साइलेंसर और स्कूटर का एक पहिया जो इसे दौड़ाता है और लोगों के बैठने की सीट के नीचे पेट्रोल टैंक. सभी कुछ पूरी तरह से देशी जुगाड़, और यह सब करवाया 8वीं पास रमेश ने अपने दिमाग की उपज और एक मोटर मैकेनिक की मदद से.

क्यों आया आइडिया 
इस अनोखे हाइब्रिड रिक्शे को बनवाने का ख्याल रमेश के दिमाग में अपनी खुद की परेशानियों के चलते आया. बीमारी के चलते उसे साइकिल रिक्शा चलाने में परेशानी होने लगी थी. गर्मी के मौसम में और भी तकलीफ होती. पहले रमेश ने सोचा कि ऑटो रिक्शा या फिर ई-रिक्शा खरीद ले मगर इतने रुपये उसके पास नहीं थे. ऑटो रिक्शा के लिए करीब 2 लाख की जरुरत थी तो ई-रिक्शा के लिए करीब 1.5 लाख की. ऐसे में रमेश ने अपनी इन परेशानियों का हल इस हाइब्रिड रिक्शा बनवा कर निकाला. साधारण रिक्शे की कीमत के साथ इस पूरे हाइब्रिड रिक्शे को बनवाने में रमेश को करीब 28 हजार रुपये खर्च करने पड़े और इतने कम खर्च में सभी कुछ पहले से बेहतर और आसान हो गया.

सवारियों के लिए कम्फर्ट 
इस रिक्शे पर बैठने वाले लोगों की सहूलियत का भी रमेश ने खासा ध्यान रखा है. रिक्शे पर चढ़ने के लिए अगल से एक पांवदान के साथ ही लोगों को धुप और बारिश से बचाने का इसमें पूरा इंतजाम है. इसके लिए एक खास तरह का शेड अपने रिक्शे में रमेश ने बनवा कर लगवाया है. तेज़ धुप या बारिश के वक़्त ऊपर के इस शेड को खोल दिया और सवारी के साथ ही खुद का भी तेज़ धुप या बारिश से बचाव हो गया.

माइलेज 40 KMPL 
इस हाइब्रिड रिक्शे को पेट्रोल से चलाने का खर्च भी ज्यादा नहीं है. एक लीटर पेट्रोल में करीब 40 किलोमीटर यह चल जाता है. वाराणसी की सडकों पर दौड़ने वाला यह अकेला ऐसा रिक्शा है. इसीलिए इसे देखने वालों की भी भीड़ लगी रहती है. आम लोग और इसकी सवारी करने वाले इस खास रिक्शे को बनवाने के लिए रमेश के दिमाग की दाद दे रहे हैं.

इस हाइब्रिड रिक्शे की वजह से रमेश की परेशानियां ख़त्म होने के साथ ही उसकी आमदनी भी बढ़ गयी है. और तो और लोग भी रमेश के इस हाइब्रिड रिक्शे से खुश हो कर उसे अलग से टिप भी दे देते हैं.
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