सफाईकर्मी बनना चाहते हैं Phd, MBA और PG डिग्रीधारी

गोरखपुर। बेरोजगारी का आलम यह है कि पीएचडी, एमबीए, पोस्ट ग्रेजुएट और ग्रेजुएट डिग्रीधारी भी चपरासी और सफाईकर्मी बनना चाहते हैं.

आपको बता दें कि प्रदेश में जिलेवार संविदा पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. इसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस कतार में पीएचडी और प्रोफेशनल डिग्रीधारी तमाम बेरोजगार संविदा सफाई कर्मचारी बनने के लिए खड़े हैं, जबकि इस पद के लिए अधिकतम शैक्षणिक योग्यता 8वीं पास ही है. देवरिया जिले में इस पद के लिए बीए और एमए पास लोगों ने भी आवेदन किया है. आज आवेदन का आखिरी दिन होने के कारण पोस्ट ऑफिस में फॉर्म जमा करने के लिए लम्बी लाइन लगी थी.

गौरतलब है कि जिले के सभी ब्लाकों मे कुल 335 सफाईकर्मी की वैकेन्सी निकली है, लेकिन सफाईकर्मी पद के लिए हजारो लोगों आवेदन किया है. देवरिया जिले का सफाईकर्मी बनने के लिए आठवीं तक की एजुकेशन चाहिए लेकिन स्नातक और परास्नातक पास किए हुए लोग भी फाॅर्म डाल रहे हैं.

कमोबेश यही स्थिति अमरोहा जिले की है, जहां अब तक पालिका को सौ से ज्यादा ऐसे आवेदन पत्र मिले हैं, जिनकी शैक्षिक योग्यता उच्च स्तरीय है. नगर पालिका परिषद अमरोहा में 114 संविदा सफाई कर्मचारी नियुक्त होने हैं. आवेदन करने की आखिरी तारीख 18 जनवरी है. पालिका को करीब सात हजार आवेदन पत्र अब तक प्राप्त हो चुके हैं. इनमें सौ से ज्यादा ऐसे अभ्यर्थियों के आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनकी शैक्षिक योग्यता पीएचडी, एमबीए, बीटेक और पॉलीटेक्निक तक है.

अभी कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि युवाओं को नौकरी देना उनकी सरकार के लिए सबसे बड़ा चैलेंज है. उन्होंने कहा था कि स्थिति ऐसी है कि कई युवा तो बिना नौकरी के ही बूढ़े हो जाएंगे.
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