भोपाल। आईएएस अफसर रमेश थेटे और निलंबित आईएएस शशि कर्णावत के बाद अब सीनियर आईएफएस अफसर आजाद सिंह डबास सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रहे हैं। इस वरिष्ठ आईएफएस अफसर ने एक संगठन बनाया है जो व्हिसल ब्लोअर की तरह काम करेगा। अभी तक व्यक्ति विशेष ही व्हिसल ब्लोअर हुआ करते हैं लेकिन डबास एक संगठन के माध्यम से प्रदेश में सिस्टम में बदलाव के लिए आगे आए हैं।
वन विभाग के सिस्टम से तंग आ चुके आजाद सिंह डबास ने ‘सिस्टम परिवर्तन अधिकारी, कर्मचारी संगठन मप्र (सपाक्स)’ का गठन किया है। यह संगठन व्हिसल ब्लोअर की तर्ज पर काम करेगा जो सिस्टम में कार्यरत भ्रष्ट अधिकारी- कर्मचारियों द्वारा की गई वित्तीय अनियमितताआें और लापरवाहियों को उजाकर कर उन्हें पब्लिक डोमन में लाकर दोषियों को सजा दिलाने में अहम भूमिका अदा करेगा।
नियुक्ति और पदस्थापनाओं में उपेक्षाओं के मामले पर नजर रखेगा। संगठन निचले और दलित स्तर के अधिकारी-कर्मचारियों को भी न्याय दिलाएगा। सेवानिवृत्ति के बाद अफसरों को उपकृत करने का भी विरोध भी डबास के संगठन का काम होगा। वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण और संवर्द्धन के अलावा जलवायु परिवर्तन जैसे मसले भी संगठन के बॉयलाज में शामिल किए गए हैं। यह संगठन सरकारी क्षेत्रों के अलावा निजी क्षेत्र के भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों पर नजर रखेगा।
खुद भी भुक्तभोगी, 30 साल में 32 ट्रांसफर
डबास एपीसीसीएफ स्तर के अधिकारी है और तीन महीने पहले ही उनकी पदस्थापना मप्र राज्य लघु वनोपज संघ में हुई है। उन्हें यहां जिम्मेदारी तो सौंपी गई है, लेकिन नोट शीट उनके पास नहीं पहुंचती है। डबास जहां भी पदस्थ रहे वे वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलते रहे हैं। करीब 30 साल के कार्यकाल में 32 बार उनके तबादले हो चुके हैं।