भोपाल। व्यापमं घोटाले में हुईं संदिग्ध मौतों की जांच कर रही सीबीआई अब तक 12 मौतों की जांच पूरी कर चुकी है लेकिन एक में भी "फाउल प्ले' नहीं मिला है। सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि जांच में हत्या के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। इनकी जांच रिपोर्ट दिल्ली मुख्यालय भेज दी है। इस पर दिल्ली से भी मुहर लग गई है। सीबीआई अब इन मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने की तैयारी कर रही है।
पिछले साल 5 जुलाई को टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की मौत के बाद राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को पत्र लिखकर सीबीआई जांच कराने का अनुरोध किया था। 15 जुलाई से सीबीआई ने जांच संभाली और एक के बाद एक 23 संदिग्ध मौतों में पीई दर्ज की। छह महीनों में सीबीआई 12 मामलों की जांच पूरी कर चुकी है। अधिकारियों का कहना है सिर्फ तीन या चार मामलों में प्रारंभिक तौर पर कुछ संशय है लेकिन इनमें भी फिलहाल कोई सबूत नहीं है। इससे पहले इंटेलीजेंस की रिपोर्ट में भी कहा गया था कि जिन मौतों को संदिग्ध बताया जा रहा है उनमें हत्या के कोई प्रमाण नहीं मिल रहे हैं।
नम्रता बड़े नेता से मिलने जबलपुर जा रही थी
नम्रता डामोर के मामले में भी सीबीआई को हत्या के प्रमाण नहीं मिले हैं। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर और फॉरेंसिक डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में भी ऐसा तथ्य नहीं मिला, जिससे हत्या के प्रमाण जुटाए जा सकें। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई को पता चला है कि नम्रता जबलपुर में किसी बड़े नेता से मिलने जा रही थी। जनवरी 2012 में नम्रता की उज्जैन के पास रेलवे ट्रैक पर लाश मिली थी।