जबलपुर। प्राइवेट की तर्ज पर सरकारी स्कूलों की सूरत अब बदलने लगी है। आने वाले दिनों में सरकारी स्कूल बिल्डिंग, बिजली, फर्नीचर व अन्य सुविधाओं में प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देते नजर आएंगे। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन (आरएमएसए) के तहत अब स्कूलों के कायाकल्प की शुरुआत की जा रही है। हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में जहां 2016 तक बिजली लगवाने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं वहीं पहली बार प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में स्टाइलिश फर्नीचर से भी लैस किया जा रहा है। पहली खेप में जबलपुर के 39 स्कूलों को 6 प्रकार के 1498 फर्नीचर दिए गए हैं।
पढ़ाई
बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने पढ़ाई पर भी जोर दिया जा रहा है। पढ़ाई का स्तर सुधारने जहां स्कूलों में रेमेडियल क्लासेस चलाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं ब्लॉक स्तर पर स्मार्ट क्लास यानी कम्प्यूटराइज शिक्षा देने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
फर्नीचर
हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन बनवाए जा रहे हैं। वहीं स्कूलों में नए फर्नीचर भी सप्लाई किए जा रहे हैं। जबलपुर के 39 स्कूलों को ड्यूल डेस्क, विजिटर चेयर, रीडिंग टेबल, बुक केस, वुडन टेबल और स्टाइलिश वुडेन स्टूल पहुंचाए गए। बाकी स्कूलों में भी जल्द फर्नीचर पहुंचाने की बात कही जा रही है।
टॉयलेट
स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट बनवाए गए। रनिंग वाटर के लिए स्कूलों में पानी की व्यवस्था करने निर्देश दिए हैं।
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रिजल्ट में सुधार की भी कवायद
2014-15 में 10वीं का रिजल्ट 9 फीसदी सुधार के साथ 49.43 प्रतिशत रहा।
प्रदेश की मेरिट में आया था एक छात्र।
12वीं का रिजल्ट भी 20 फीसदी के सुधार के साथ 68.31 प्रतिशत रहा।
इस बार बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट 20 फीसदी तक सुधारने प्लस-20 पर काम किया जा रहा है।