शासकीय अध्यापक संगठन आंदोलन की योजना बना रहा है

भोपाल। मंत्री परिषद द्वारा अध्यापक संवर्ग को स्वीकृत छंटवे वेतनमान के प्रस्ताव में विसंगतयों से प्रदेश के 2 लाख अध्यापक मुख्यमंत्री की अपेक्षा अधिकारीयों से ज्यादा नाराज हैं। शासकीय अध्यापक संगठन के प्रमुख महामंत्री आरिफ अंजुम ने कहा कि अधिकारी हमारे वर्ग से सौतेला व्यवहार कर, गैर बराबरी की व्यवस्था को समाप्त नहीं करना चाहते। 

विदित हो कि 28 जून 2013 को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अध्यापक संवर्ग को समान कार्य समान वेतन की घोषणा झाबुआ में की थी तथा 22 जुलाई 2013 गुरुपूर्णिमा के दिन उज्जैन में अध्यापक संवर्ग को समान समान वेतन चार साल में देने की विधिवत घोषणा की थी।

4 सितंवर 2013 को अध्यापक संवर्ग को शिक्षक संवर्ग के वेतन की अंतर की राशि को चार समान वार्षिक किस्तों में अंतरिम राहत के रुप में प्रदान कर 1-9-2017 में अंतरिम राहत की किस्तों को ग्रेट पे एवं वेतन बेंड में व्यवस्थित करने का उल्लेख था।

20-10 2014 को शासन ने आदेश जारी कर निर्देशित किया था, कि अंतरिम राहत की राशि पदोन्नति होने पर एवं सेवा व्रद्धि होने पर बदली नहीं जायेगी। 1-9-17 में समायोजन किया जायेगा, अर्थात यदि किसी को अंतरिम राहत कम मिली है तो एरियर्स मिलेगा।

अधिकारीयों ने अंतरिम राहत राशि के विसंगति पूर्ण भुगतान के सम्बन्ध में भी कहा था कि सितंवर 13 में एरियर्स मिलेगा।

अध्यापक सम्वर्ग को पूर्व से लागू समान कार्य का समान वेतनमान के अनुसार अंतरिम राहत मिलने के दिनांक से पुनरीक्षित वेतनमान का निर्धारण सितंवर 13 के स्थान पर जनवरी 16 से कर, अंतरिम राहत की राशि को समायोजित न कर वसूल रही है। इससे सरकार अपने ही आदेश के विपरीत जाकर थोक में एरियर्स की राशि बचाकर अध्यापकों के साथ आर्थिक शोषण बंद नहीं कर रही है।

जैसे कि शासकीय कर्मचारियों को  सितंवर 2008 में दी गईं 20 प्रतिशत अंतरिम राहत पुनरीक्षित वेतनमान से समायोजित कर एरियर्स की राशि अधिक होने पर पांच किस्तों में भुगतान की गई है। इसी अनुसार ही अध्यापक संवर्ग की अंतरिम राहत की राशि को सितंवर 13 से वेतनमान पुनरीक्षर कर समायोजन करना था।जिस पर सरकार पर 5000 हजार करोड़ का अधिभार आ रहा था। ये खुद शिक्षा मंत्री ने अपने व्यान में कहा था।बाद में आदेश को पलट कर 1125 करोड़ में निपटाया जा रहा है।

इस विसंगतियों को सुधारवाने के लिए अध्यापक पुनःआंदोलन की योजना बना रहे हैं। जिसके सम्बन्ध में 16 जनवरी को प्रांतीय बैठक कर रणनिति बनाएंगे।
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