नंदू को बचाने वीटो तक लगाएंगे शिवराज-मेनन

भोपाल। सोमवार को होने वाले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चुनाव को लेकर पार्टी में सबकुछ लगभग तय हो चुका है। मौजूदा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान की दोबारा ताजपोशी के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं संगठन महामंत्री अरविंद मेनन ने अपना जोर भी लगा दिया है। पिछले सवा साल के दौरान सत्ता एवं संगठन के साथ नंदकुमार का जिस तरह समन्वय रहा उसे देखकर उन्हें दोबारा कमान सौंपने की संभावना बढ़ गई है।

इस संबंध में शिवराज-मेनन ने पार्टी हाईकमान को भी अपनी राय दे दी है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद शुक्रवार को बीजेपी कार्यालय में मतदाताओं की सूची को अंतिम रूप दिए जाने की कवायद चलती रही। पार्टी सूत्रों का कहना है कि चुनाव की नौबत आने की संभावना नहीं है, सब कुछ पहले ही तय हो चुका है।

मुख्यमंत्री चौहान एवं संगठन महामंत्री मेनन ने अपनी पसंद के रूप में नंदकुमार का नाम ही आगे बढ़ा दिया है। पार्टी के अन्य नेताओं जिनके नाम इस पद के लिए आगे बढ़ाए गए उन्होंने अपनी ओर से अध्यक्ष बनने में अनिच्छा ही जताई। फिलहाल नंदकुमार चौहान को रिपीट किए जाने पर आम सहमति बनाने के प्रयास जारी हैं। सांसद एवं आदिवासी नेता फग्गन कुलस्ते ने दावेदारी जताई है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि चुनाव की नौबत आने पर पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर जीत पाना मुश्किल ही होगा।

272 मतदाता चुनेंगे अध्यक्ष
प्रदेश चुनाव अधिकारी अजय प्रताप सिंह ने बताया कि मतदाता सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है। अध्यक्ष पद के लिए 272 मतदाता हैं जिनका चयन पार्टी ने तयशुदा प्रक्रिया के तहत किया है। प्रमुख मतदाताओं में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत, प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, मंत्री भूपेन्द्र सिंह, नरोत्तम मिश्रा, कुसुम मेहदेले, विनोद गोटिया, राकेश सिंह, तनवीर अहमद, जनार्दन मिश्रा, आनंद बर्नाड, राव उदयप्रताप सिंह एवं मेघराज जैन भी शामिल हैं। 

राष्ट्रीय परिषद के प्रतिनिधि
अध्यक्ष पद के साथ ये मतदाता राष्ट्रीय परिषद के लिए 29 प्रतिनिधियों का चुनाव भी करेंगे। इन सदस्यों में हर संसदीय क्षेत्र से एक सदस्य तय किया गया है। इनमें अनुसूचित जाति के लिए 4 एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 5 पद आरक्षित किए गए हैं। महिलाओं के लिए कोई आरक्षण नहीं है। 

4 जनवरी को होगा ऐलान
प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए पूर्व सांसद रामदास अग्रवाल 4 जनवरी को भोपाल पहुंच जाएंगे। उसी दिन नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। आम सहमति की स्थिति में उसी दिन नए अध्यक्ष का ऐलान कर दिया जाएगा, यदि चुनाव की नौबत बनी तो 5 जनवरी को चुनाव होगा।

चार मर्तबा हो चुके चुनाव
वर्ष 1980 में अस्तित्व में आने के बीजेपी में आम सहमति के आधार पर ही अध्यक्ष का चुनाव होता रहा। केवल चार मर्तबा चुनाव की स्थिति बनी। अस्सी के दशक में पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा एवं पूर्व मंत्री रामहित गुप्त के बीच चुनाव हुआ लेकिन मतगणना के पहले ही सहमति बन गई और पटवा अध्यक्ष चुन लिए गए।

1990 में पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र सखलेचा एवं लखीराम अग्रवाल के बीच मतदान जिसमें अग्रवाल ने जीत दर्ज कराई। तीन साल बाद फिर पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी एवं लखीराम के बीच अध्यक्ष पद को लेकर चुनाव कराया गया जिसमें लखीराम फिर जीतने में सफल रहे। इसके बाद 1998 में शिवराज सिंह चौहान एवं विक्रम वर्मा के बीच चुनाव की नौबत आई जिसमें वर्मा दो तिहाई बहुमत से अध्यक्ष चुने गए।

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