पानी के लिए हालात बेकाबू हजारों किसानों ने पुलिस को घेरा

नीमच। चमलेश्वर बांध के पानी को लेकर हजारों किसानों के प्रदर्शन को लेकर हालात बेकाबू हो गए है. दिनभर हुए उपद्रव और तोड़फोड़ के बाद गांव पहुंचे पुलिस अमले को हजारों की संख्या में मौजूद महिलाओं और ग्रामीणों ने घेर लिया है. बताया जा रहा है कि पुलिस बल आठ वाहनों में कर्जाड़ा पठार पहुंचे थे. माना जा रहा है कि पुलिस दिन में हुए उपद्रव के मामले में कोई कार्रवाई कर सकती है. इसी वजह से आक्रोशित महिलाओं ने पुलिस को रोकने के लिए उन्हें पूरी तरह से घेर लिया है.

नीमच में चमलेश्वर बांध के पानी को लेकर हजारों किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया. आक्रोशित किसानों ने बांध निर्माण कर रहे ठेकेदार की साइट पर तोड़फोड़ कर आग लगा दी. किसानों का आरोप है कि चमलेश्वर बांध का पानी सिंचाई के लिए न दिया जाकर अन्य मनासा नगरीय निकाय और डीकेन में पेयजल के लिए दिया जा रहा है. वहीं, पीएचई विभाग ने बांध के पानी से 29 गांवों में पेयजल आपूर्ति करने की तैयारी भी कर ली है. इस वजह से उनकी फसलें सूखती जा रहीं हैं.

इस मुद्दे को लेकर पीड़ित किसानों ने जिला कलेक्टर से भी चर्चा की थी. जिसके बाद कलेक्टर ने भी उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था. इसके बावजूद भी समस्या का कोई हल नहीं निकला. इससे गुस्साए हजारों किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया.

क्या है मामला
कंजार्डा पठार की रूपा नदी पर बने चमलेश्वर बांध से दो स्थानीय निकायों के अतिरिक्त 29 गांवों में पेयजल आपूर्ति की योजना बना ली गई, जिसकी जल उपभोक्ता समिति और ग्रामीणों को भनक तक नहीं लगी. वहीं, कंजार्डा, चौकड़ी, बरखेड़ा, झोपड़िया, गफार्डा, पलासिया, खेड़ली, धाकड़ खेड़ी गांवों के किसानों की मांग है कि उन्हें बांध से सिंचाई के लिए पानी दिया जाए.

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