
अगर किसी यात्री की मौत उड़ते विमान में हो जाए, तो उसे एक सीट पर बिठा दिया जाता है। बाद में उसे एक कंबल ओढ़ा दिया जाता है और आस-पास के यात्रियों को बता दिया जाता है। पर कभी-कभी मृत यात्री को इस हालत में बिठाया जाता है मानो वो बेहोश हो। एयर-होस्टेस ने बताया मृत इंसान के हाथ में वोडका या कोई टॉनिक दे दी जाती थी ताकि लोगों को लगे सब ठीक है।
बेट्टी ने बताया कि उन्हें कभी-कभी ऐसे यात्रियों से डील करना पड़ता है जो सोने से पहले नींद की गोली खा लेते हैं। उन्हें एक बार ऐसा यात्री मिला जो आधी-रात एक कंपार्टमेंट से निकलकर सीधे फर्स्ट-क्लास की ओर आ रहा था। हैरत इस बात की कि वो न्यूड था और इस कदर नींद में चल रहा था जैसे अपने घर में हो। ऐसे लोगों को भी संभालना मुश्किल होता है।
विमान में समय-समय पर अनाउंसमेंट होती रहती है। लेकिन कभी-कभी ये अनाउंसमेंट दंग करने वाली होती है। जैसे एक विमान कंपनी ने लंबे सफर के बाद टॉयलेट साफ करने के लिए इच्छुक यात्रियों को जुड़ने का न्योता दिया। वहीं एक दूसरी विमान कंपनी ने कहा कि ''ऑक्सीजन प्रेशर कम होते ही ऑक्सीजन मास्क अपने आप आपके सामने गिरेगा। कृपया पहले खुद पहने, फिर पति की मदद करें।''
एक ने तो हद तब कर दी जब घोषणा कि की ''डेनवर का सफर काफी लंबा है। समय बिताने के लिए केबिन क्रू के मेंबर के साथ वक्त बिता सकते हैं।''
बताया कि जब उन्होंने ब्रिटिश एयरवेज के साथ एक दिन की ट्रेनिंग में हिस्सा लिया तो उन्हें बताया गया कि हर क्रू मेंबर को अपने साथ एक हथकड़ी रखनी होती है। ये हथकड़ी उन यात्रियों के लिए होती है जो जल्दी आपा खो देते हैं और अपने हरकतों से सबका दिमाग खराब करने लगते हैं। लेकिन शुक्र की बात ये थी कि उन्होंने इसका इस्तेमाल कभी असल में होते नहीं देखा। जरूरत नहीं पड़ी।
बेट्टी ने बताया कि यात्री भी कभी-कभार काफी अजीबोगरीब सवाल पूछते हैं। जैसे कि दो राज्यों के बीच रेखा कहां होती है? कब आएगी? ये भी पूछा किसी ने कि उन्हें अपनी घड़ी के समय को बदलने की जरूरत है या वो विमान के उड़ते ही खुद-ब-खुद बदल जाएगी?
विमान में भी आप अपनी सीट बदलवा सकते हैं। जी हां, अगर आप अपनी सीट के खराब होने या दिक्कत देने की वजह से परेशान हैं या फिर आपके साथ बगल वाला यात्री बदसूलूकी कर रहा है तो आप इसके शिकायत कर सकते हैं। सीट ना होने की स्थिति में ऐसा भी मुमकिन है कि आप भले ही इकॉनोमी क्लास की सीट में हों, लेकिन आपको वहां से हटाकर बिजनेस या क्लास-वन सीट पर बिठा दिया जाए।
पीले रंग की जैकेट जिसे इंमरजेंसी में पहने के लिए विमानों में दिया जाता है, ऐसा हो सकता है कि निश्चिंत करवाने के बाद भी एयरवेज के पास जितनी जैकेट्स चाहिए हों, उतने ना हों। बेट्टी ने ये भी बताया कि कभी-कभी यात्री एयर-होस्टेस से चाय या कॉफी से बढ़कर भी कुछ की उम्मीद रखते हैं। उनमें से कुछ होस्टेस के करीब आने की कोशिश करते हैं।