इंदौर। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक खरगोन में 42 संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति और उनके नियमितीकरण की धांधली के मामले में बैंक संचालक मंडल ने सहकारिता विभाग को अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। संयुक्त आयुक्त सहकारिता ने संचालक मंडल को जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय और दिया है। अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी।
संयुक्त आयुक्त सहकारिता कार्यालय में शुक्रवार को संचालक मंडल और बैंक सीईओ की सुनवाई हुई। बैंक अध्यक्ष रणजीतसिंह डंडीर, संचालक और बैंक सीईओ नानकराम मंडलोई उपस्थित हुए। संचालक मंडल ने जवाब पेश करने के लिए समय बढ़ाने की मांग की जिसे संयुक्त आयुक्त जगदीश कनौज ने मान लिया। मामले में बैंक सीईओ ने संविदा पर नियुक्त अपने दो बेटों को भी नियम विरुद्ध नियमित कर दिया था।
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ये है मामला
सहकारिता आयुक्त और अपेक्स बैंक द्वारा कराई गई जांच में सामने आया था कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक खरगोन में वर्ष 2009 से 2012 के बीच कम्प्यूटर ऑपरेटर, लिपिक और भृत्य के पद पर कुल 42 कर्मचारियों की नियुक्ति में भर्ती नियमों का उल्लंघन किया गया।
खरगोन बैंक ने 42 में से 13 कर्मचारियों की नियुक्ति 2009 में की। बैंक अधिकारियों व पदाधिकारियों ने अपने लोगों को उपकृत करने के लिए बिना विज्ञापन सीधे आवेदन लिए और नियुक्ति कर दी। 29 कर्मचारियों की नियुक्ति 2012 में विज्ञापन जारी कर 89 दिन के लिए की, लेकिन नियुक्ति आदेश 89 दिन के न होकर स्थायी प्रकृति के जारी किए गए।
संचालक मंडल ने अगस्त 2015 में 42 कर्मचारियों को नियमित करने के आदेश जारी कर दिए। इनमें बैंक सीईओ मंडलोई के दो पुत्र मुकेशकुमार मंडलोई और आशीषकुमार मंडलोई भी शामिल थे।
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खरगोन जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मामले में जांच के बाद सीईओ और संचालक मंडल को हटाने के नोटिस जारी किए हुए हैं। मामले में सुनवाई चल रही है। संचालक मंडल ने जवाब के लिए समय मांगा है।
जगदीश कनौज, संयुक्त आयुक्त, सहकारिता