
बेटे का एडमिशन करवाया था
बेटे डॉ. शक्तिप्रताप सिंह किरार का मेडिकल पीजी में दाखिला कराने पर डॉ. किरार व्यापमं घोटाले में आरोपी बने थे। किरार के भिंड में झांसी रोड स्थित घर पर 21 जून 2015 को पहली बार ग्वालियर एसआईटी ने दबिश दी तो वे अज्ञातवास पर चले गए थे। एसआईटी दोबारा 2 जुलाई को भिंड पहुंची, तब भी वे नहीं मिले तो नोटिस चस्पा कर दिया गया था। बाद में सीबीआई ने भी डॉ. किरार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जिसमें उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिली।
इसके बाद डॉ. किरार भिंड आकर सार्वजनिक रूप से रहने लगे। एक साथ हुई थी दोहरी कार्रवाई सीबीआई में एफआईआर होने के बाद राज्य सरकार ने 16 जुलाई को डॉ. किरार से राज्यमंत्री का दर्जा छीन कर बर्खास्त किया था। इसी के साथ प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने भी उन्हें भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था।
इस मुद्दे पर बात नहीं करो। ठीक है। (झल्लाते हुए कहा और फोन काट दिया) डॉ. गुलाब सिंह किरार
किरार का राज्यमंत्री का दर्जा खत्म किया है, इसकी जानकारी नहीं है। लालबत्ती में घूम रहे हैं, तो कार्रवाई करेंगे।
सचदेव सिंह सिकरवार, प्रभारी आरटीओ, भिंड