इंदौर। मालवा-निमाड़ अंचल में शनिवार को हुई बारिश फसलों के लिए राहत बनकर आई। इस मावठे से गेहूं-चना की फसल को कम से कम एक सिंचाई का फायदा होगा। जानकारों का मानना है कि समय से पहले बोए गए गेहूं की बालियां आ चुकी हैं, लेकिन बाद में बोए गेहूं को जरूर लाभ होगा। उधर मौसम केंद्र भोपाल के निदेशक अनुराग कश्यपी का कहना है कि अगले 24 घंटे में इंदौर संभाग में बारिश की संभावना है, इस दौरान ओलावृष्टि भी हो सकती है, जिसमें खरगोन, खंडवा और बड़वानी जिले प्रभावित हो सकते हैं। दक्षिण-पश्चिम मध्यप्रदेश में ऊपरी हवाओं में चक्रवात की स्थिति बनी हुई है। अगले दो दिन तक इसी तरह मौसम बना रहेगा। न्यूनतम तापमान गिरने की संभावना है।
मालवा-निमाड़ क्षेत्र में शनिवार को कहीं रिमझिम तो कहीं बूंदाबांदी हुई। इंदौर और उसके आसपास शाम को बूंदाबांदी हुई। मौसम में आए बदलाव को फसलों के लिए लाभदायक माना जा रहा है। जिले में इस वर्ष करीब एक लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी हुई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 30 हजार हेक्टेयर कम है। जिले में इस वर्ष लगातार बारिश से आंकड़ा तो सामान्य पर पहुंच गया, लेकिन पानी जमीन में नहीं उतरा। इससे बोवनी में पिछड़ने के साथ ही उत्पादन घटने का खतरा भी बना हुआ है। उपसंचालक कृषि ओपी चौरे ने बताया कि मावठा बरसने से किसानों को एक सिंचाई से राहत मिल जाएगी। खरगोन क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी के साथ ही झिरन्या, महेश्वर, सनावद, भगवानपुरा, बिस्टान आदि क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। बुरहानपुर में शनिवार सुबह करीब 10 मिनट तक बारिश हुई।