
दरअसल बीजाडांडी जनपद शिक्षा केंद्र में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर पदस्थ युवती की छुट्टी स्वीकृत करने के लिए जिला समन्वयक अधिकारी रामहर्ष वर्मा ने उसे शाम के वक्त अपने आवास पर बुलाया. इस पर युवती ने कहा कि वो बीजाडांडी में रहती है. यदि वो मंडला स्थिति उनके घर जाती है तो वापस जाने पर रात हो जायेगी. इस पर रामहर्ष वर्मा ने युवती को उनके ही आवास पर रात में रुकने का आदेश सुना दिया.
मंशा को भांपते हुए जब महिला कर्मचारी उस शाम रामहर्ष वर्मा के निवास पर नहीं पहुंची तो उसे अगले ही दिन से सरकारी नियम कायदों का हवाला देते हुए प्रताड़ित किया जाने लगा. परेशान होकर महिला कर्मचारी ने जब इस बात की शिकायत कलेक्टर और एसपी से की तो उल्टा उसे ही नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया.
महिला का आरोप है कि उसने शिकायत करते हुए महिला सशक्तिकरण अधिकारी प्रशांत ठाकुर को बातचीत का ऑडियो रिकॉर्ड भी दिया था. बावजूद इसके चार महीने बीत जाने पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जब भी महिला विभाग जाकर मामले के बारे में पूछती है तो उसे जांच चलने की बात कह दी जाती है. इस वजह से अब महिला को इंसाफ पाने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है.