इंदौर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ लगी चुनाव याचिका में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को नोटिस जारी होगा या नहीं, यह हाई कोर्ट तय करेगी। गुरुवार को इस संबंध में दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई और याचिकाकर्ता के गवाह से सवाल-जवाब हुए। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।
कांग्रेसी नेता अंतरसिंह दरबार ने यह चुनाव याचिका विजयवर्गीय के खिलाफ दायर की है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से धारा-99 के तहत ऐसे व्यक्तियों के नाम देने को कहा था, जिन पर आशंका है कि उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन में विजयवर्गीय की मदद की। याचिकाकर्ता ने महू के कमल पटेल और मुख्यमंत्री चौहान का नाम कोर्ट में दिया। कोर्ट ने कमल पटेल को दो नोटिस जारी किए, लेकिन मुख्यमंत्री चौहान के नाम पर विजयवर्गीय के वकील ने आपत्ति ले ली। उनका कहना था कि सीएम चौहान का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने प्रचार के दौरान मेट्रो को महू तक लाने और पट्टाधारियों को पक्के मकान देने का वादा किया था, जबकि ये भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र में नहीं थी। कोर्ट में एक अन्य आवेदन पर भी बहस पूरी हुई।
गवाह का प्रति परीक्षण हुआ
पिछली सुनवाई पर याचिकाकर्ता की ओर से मीडियाकर्मी कुणाल के बयान हुए थे। विजयवर्गीय के वकील ने उनका का प्रतिपरीक्षण किया। इन्होंने ही चुनाव प्रचार के दौरान विजयवर्गीय के नोट बांटते हुए फोटो प्रकाशित किए थे। -नप्र