भोपाल में कबाड़ हो रहीं हैं 60 से ज्यादा लो फ्लोर बसें

भोपाल। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) ने इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) को अस्थाई डिपो बना दिया है। इसमें करीब 16 करोड़ रुपए की 60 से ज्यादा लो फ्लोर बसों को कबाड़ कर यहां खड़ा कर दिया है। इन बसों को ऑपरेटर कंपनी प्रसन्ना पर्पल ने चलाने से इनकार कर दिया है। वहीं, यहां दूसरे शहरों के लिए चलने वालीं बसों को जगह कम पड़ने लगी है। दूसरे ऑपरेटर आईएसबीटी के बाहर से ही बसें संचालित कर रहे हैं। 

निगम ने केंद्र की मदद से बीते पांच साल के दरम्यान 70 करोड़ रुपए से 225 बसें खरीदी थीं। इनमें से 150 बसें प्रसन्ना पर्पल को और 75 कैपिटल रोडवेज को दी गई थीं। प्रसन्ना पर्पल ने अपने हिस्से की 52 बसों को घाटा बताते हुए हाल ही में बंद कर दिया। यह बसें टीआर-3, एसआर-6 और टीआर-2 रूट पर चलती थीं। जबकि कैपिटल रोडवेज ने 40 बसें बीसीएलएल को हैंडओवर कर दी हैं। बीसीएलएल इसमें से 20 से 30 बसें ही चलाता है और बाकी को आईएसबीटी में खड़ा कर दिया है। इसमें 8 एसी बसें भी शामिल हैं। 

महापौर आलोक शर्मा ने बताया कि जल्द ही इन बसों को फिर से शुरू किया जाएगा। ऑपरेटर्स का घाटा पूरा करने के लिए नगर निगम इसी महीने मासिक पास जारी कर देगा। इसके बाद ऑपरेटर्स खुद ही इन बसों का संचालन शुरू कर देंगे। 

टायर, लाइट, सीट कवर आदि सामान होने लगे गायब 
बसों से टायर, लाइट, सीट कवर आदि सामान गायब होने लगा है। बीसीएलएल ने इनकी सुरक्षा के लिए सिक्यूरिटी गार्ड तैनात किए हैं। फिर भी सामान चोरी होने की घटनाएं रुक नहीं रही है। 

रूट बंद होने से यात्री परेशान 
टीआर-3, एसआर-6 व टीआर-2 रूट बंद होने से यात्री परेशान हैं। उन्हें ऑफिस जाने व रोजमर्रा के कामों के लिए अब महंगे विकल्प ऑटाे या टैक्सी का सहारा लेना पड़ रहा है। 

निगम को दोहरा घाटा 
यातायात प्रबंधन विभाग के एमआईसी सदस्य केवल मिश्रा ने भी बसों के कबाड़ होने और आईएसबीटी में खड़ा करने पर आपत्ति ली है। मिश्रा के मुताबिक यहां दूसरे शहरों को चलने वाली बसों के लिए स्थान मिलना चाहिए। यह बसें बाहर से संचालित होती हैं। इससे निगम को 40 रुपए प्रति बस की फीस भी नहीं मिल रही है। इससे दोहरा घाटा हो रहा है। 

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