बालाघाट। नागरिक आपूर्ति निगम बालाघाट द्वारा विदिशा मे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरण किये जाने के लिये चांवल से भरी एक रेल्वे रेक मे 51872 क्विंटल चांवल भिजवाया गया था जिसके अमानक पाये जाने पर भेजा गया चांवल निरस्त करते हुये संबंधित राईस मिलर्स को 7 दिन के अंदर अपग्रेड कर निर्धारित मापदंड का चांवल प्रदाय करने के निर्देश दिये गये थे जिला प्रबंधक द्वारा पत्र दिनांक 23 सितंबर 2015 के तारतम्य मे 5 माह बीत जाने के बावजूद केवल 4,736 क्विंटल चांवल ही अपग्रेड किया गया है 47136 क्विंटल चांवल अपग्रेड किया जाना शेष है।
चुंकि चांवल की खरीद निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं राईस मिलर्स की सांठगांठ से की गई थी जिसके कारण चांवल की इतनी बडी मात्रा अपग्रेड किया जाना शेष है, राईस मिलर्स तथा निगम के वरिष्ट अधिकारी इस फिराक मे हैं कि विदिशा मे ही कागजों मे चांवल का अपग्रेड कर दिया जाये। अमानक एवं घटिया चांवल प्रदाय करने की आड मे सरकारी खजाने को करोडो रूपये का चुना लगाकर अधिकारी और राईस मिलर्स मालामाल हो गये है।
यह उल्लेखनीय है कि बालाघाट जिले मे नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा गोंदिया महाराष्ट के लगभग 46 एैसे राईस मिलर्स से चांवल खरीदा जा रहा है जिन्हे छत्तीसगढ एवं महाराष्ट सरकार द्वारा ब्लैक लिस्टेड किये जा चुके हैं इन्होने कस्टम मिलिंग करने के लिये धान उठाई थी लेकिन उसके एवज मे चांवल की पूर्ति नही की यह भी उल्लेखनीय है कि प्रदेश के राईस मिलर्स द्वारा प्रस्तावित मिलिंग की दरों की तुलना मे उनसे अधिक दरों पर मिलिंग कराई जा रही है, इसके एवज मे कमीशनखोरी में लाखों रूपयों का लेनदेन किया गया है।