
डॉक्टर गिरजानंद प्रसाद के सर्टिफिकेट में रजिस्ट्रेशन नंबर किसी दूसरे शख्स के नाम पर ऑनलाइन दर्ज है। लोक अधिकार मंच संस्था ने सूचना के अधिकार से सेवा पूर्व डॉक्टर के दस्तावेजों की कॉपियां मांगी तो सच उजागर हुआ।
डॉक्टर साहब 2009 से 2012 तक जननी के सासाराम मुख्यालय में काम करते थे, जहां उन्होंने 14 हजार महिलाओं का बंध्याकरण और पुरुषों की नसबंदी की थी।
मेरी स्टॉप्स इंडिया के स्टेटे प्रोग्राम मैनेजर विपिन कुमार के मुताबिक गिजरानंद ने नियुक्ति के दौरान बायोडाटा के साथ बिहार मेडिकल काउंसिल के जारी मेडिकल प्रैक्टिशनर लाइसेंस की कॉपी दी थी, जिसकी जांच नहीं कराई गई।
गिरजानंद औरंगाबाद के रहने वाले हैं। मगध वि.वि से उन्होंने 1991 में ग्रैजुएशन किया और 1999 में एमबीबीएस की डिग्री ली।
इंडियन मेडिकल काउंसिल के वरीय उपाध्यक्ष डॉ.सुनील कुमार सिंह के मुताबिक गिरजानंद को जो रजिस्ट्रेशन नंबर मिला था वह असल में किसी दूसरे शख्स को दिया गया था। इस मामले की जांच कराई जाएगी।