ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं के देरी से घोषित हो रहे रिजल्ट पर अब तक अजमेर की फर्म को दोषी ठहराया जाता रहा था लेकिन गुरुवार को मामला तब उल्टा पड़ गया, जब फर्म संचालक ने जेयू पहुंचकर कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला व अन्य अधिकारियों से कह दिया कि गलती उसकी नहीं, जेयू की है। यहीं से समय पर प्रैक्टिकल, वाइवा व सीसीई के अंक नहीं पहुंच रहे हैं। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के बाद तय हुआ कि रुके हुए सभी रिजल्ट 30 दिसंबर तक घोषित कर दिए जाएंगे और प्रथम सेमेस्टर व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं 15 जनवरी तक करा ली जाएंगी।
छुट्टी में 4 घंटे बैठे अधिकारी
गुरुवार को सरकारी छुट्टी थी, लेकिन कुलपति सुबह 11 बजे ही कार्यालय पहुंच गईं। उन्होंने रेक्टर प्रो. आरजे राव, प्रभारी परीक्षा नियंत्रक प्रो. डीसी तिवारी, डिप्टी रजिस्ट्रार अरुण चौहान, सरिता चौहान व अन्य अधिकारियों को बुला लिया। रिजल्ट तैयार करने वाली अजमेर की फर्म के संचालक को भी बुलाया गया था। अधिकारियों ने फर्म संचालक से कहा कि वे समय पर रिजल्ट जारी नहीं कर रहे हैं, इससे छात्र परेशान हो रहे हैं और परीक्षाओं का क्रम गड़बड़ा गया है। फर्म संचालक ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जेयू से डाटा समय पर नहीं पहुंचता। इससे विलंब होता है। हालांकि उसने यह भी स्वीकारा कि कुछ मामलों में जरूर उनके स्तर पर देरी होती है, जिसे भविष्य में सुधार लिया जाएगा।
प्रोफेशनल कोर्स की परीक्षाएं 15 तक
जेयू और उससे संबद्ध कॉलेजों में संचालित बीसीए, एमसीए, बीबीए, एमबीए, एलएलबी, एलएलएम सहित एमएससी के अन्य प्रोफेशनल कोर्स की प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं अब तक नहीं हो सकी हैं। जबकि यह परीक्षाएं शैक्षणिक कैलेण्डर के अनुसार पिछले माह हो जाना चाहिए थी। गुरुवार को इस मुद्दे पर अधिकारियों ने योजना तैयार कर ली। परीक्षा नियंत्रक प्रो. डीसी तिवारी ने बताया कि यह परीक्षाएं 15 जनवरी तक संपन्ना करा ली जाएंगी। जल्द ही परीक्षा फॉर्म भी भरवा लिए जाएंगे।
अब तक एक्सटर्नल तय नहीं
जेयू ने 28 दिसंबर तक प्रैक्टिकल व वाइवा के अंक भेजने के निर्देश कॉलेज संचालकों को दिए हैं। ऐसा नहीं करने पर कॉलेज संचालकों पर 25 हजार रुपए जुर्माना किया जाएगा, लेकिन जेयू ने अब तक एमएससी की परीक्षाओं के लिए एक्सटर्नल तय नहीं किए हैं। इस कारण कॉलेजों में प्रैक्टिकल व वाइवा की परीक्षाएं नहीं हो पा रही हैं।