रुड़की। दिल्ली में तैनात आईएएस अधिकारी के नाम से ठगी के लिए शातिर ठग ने उनके नाम की फर्जी आईडी से ही सिम खरीदा था। पुलिस और एसओजी की पड़ताल में यह बात सामने आई है। इसी नंबर से देहरादून डीएम ऑफिस में फोन किया गया था। पुलिस सर्विलांस व एकाउंट के जरिये आरोपी तक पहुंचने में जुटी है।
आईएएस अफसर की शिकायत पर छानबीन में जुटी पुलिस को पता चला है कि जिस नंबर से देहरादून डीएम दफ्तर में फोन किया गया था, वह आईएएस की आईडी पर ही निकाला गया था। एकाउंट नंबर के आधार पर भी पड़ताल की जा रही है। कार्यवाहक कोतवाली प्रभारी गोविंद कुमार ने बताया कि सिम लेने के लिए आईएएस रवि कपूर की फर्जी आईडी बनाई गई है, जिसमें नाम व फोटो आईएएस का है। पते समेत बाकी जानकारियां गलत डाली गई हैं।
यह था पूरा मामला
दिल्ली में संयुक्त सचिव के तौर पर तैनात 1986 बैच के आईएएस अधिकारी रवि कपूर के नाम से अनजान नंबर से देहरादून डीएम ऑफिस में किसी ठग ने फोन किया था। उसने रुड़की आईआईटी में कार्यरत बताई गई पत्नी के लिए 20 हजार रुपये की मदद मांगते हुए रकम खाते में डलवाने के लिए बाकायदा एकाउंट नंबर भी दिया। दून से ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की को फोन आने के बाद उन्होंने रकम खाते में डालने के बजाय तहसीलदार को रुपये लेकर आईआईटी भेजा। लेकिन, आईआईटी में इस नाम की कोई महिला न मिलने पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट मंगेश घिल्डियाल को शक हुआ और उन्होंने सीधे आईएएस रवि कपूर से संपर्क साधा। जिसके बाद ठगी की कोशिश का खुलासा हुआ। बृहस्पतिवार की रात सिविल लाइंस कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
शातिर के निशाने पर हाई प्रोफाइल
ठग ने जिस तरह आईएएस के नाम से फर्जी आईडी बनाई और उसके बाद देहरादून जिलाधिकारी दफ्तर में फोन कर सीधे प्रशासन से ठगी का प्रयास किया, इससे माना जा रहा है कि ठग हाई प्रोफाइल� लोगों को शिकार बनाता होगा। उसे आईएएस की जानकारी के साथ ही देहरादून डीएम दफ्तर का लैंडलाइन नंबर भी मालूम रहा