भोपाल। संविदा कर्मचारी को बिना सूचना दिए नौकरी से हटाना नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है। हटाने के पहले कर्मचारी का पक्ष सुना जाना चाहिए। यह बात जबलपुर हाईकोर्ट ने संविदा पर कार्यरत महिला सहायक वार्डन के मामले में शिक्षा केंद्र को दिए। हाईकोर्ट के जस्टिस शील नागू ने मामले में सुनवाई में यह आदेश दिए। राज्य शिक्षा केंद्र के तहत रीवा जिला शिक्षा केंद्र में पदस्थ विनीता दुबे आठ साल से इस पद पर संविदा पर कार्यरत थीं। जिला प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर ने उन्हें पिछले माह बिना सूचना दिए हटा दिया था। जिसे चुनौती देते हुए विनीता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस महिला को विभाग ने बहाल कर दिया है। बिना सुनवाई संविदा कर्मचारी को हटाना गलत: HC
December 15, 2015
भोपाल। संविदा कर्मचारी को बिना सूचना दिए नौकरी से हटाना नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है। हटाने के पहले कर्मचारी का पक्ष सुना जाना चाहिए। यह बात जबलपुर हाईकोर्ट ने संविदा पर कार्यरत महिला सहायक वार्डन के मामले में शिक्षा केंद्र को दिए। हाईकोर्ट के जस्टिस शील नागू ने मामले में सुनवाई में यह आदेश दिए। राज्य शिक्षा केंद्र के तहत रीवा जिला शिक्षा केंद्र में पदस्थ विनीता दुबे आठ साल से इस पद पर संविदा पर कार्यरत थीं। जिला प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर ने उन्हें पिछले माह बिना सूचना दिए हटा दिया था। जिसे चुनौती देते हुए विनीता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस महिला को विभाग ने बहाल कर दिया है। | भोपाल समाचार से जुड़िए |
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