
सोमवार 14 दिसंबर से प्रतिभा पर्व का प्रारम्भ होना था पर उसके प्रश्नपत्र रविवार की रात 12 बजे ट्रक द्वारा इंदौर से शिवपुरी पहुंचे। पेपरों को बंडलों के रूप पैक किया गया था जिन पर कोड डाले गए थे जो की स्कूल को इंगित कर रहे थे। रात को पेपर के बण्डल मिलाते वक्त पता चला कि कुछ बण्डल कम हैं। परंतु मोके पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं था। फ़ोन लगाने पर पाया गया की सभी ने मोबाइल बंद कर रखे है।
सुबह 12 से 1 बजे तक प्रश्नपत्रों का वितरण होता रहा। बाद में ज्ञात हुआ की पैकीटों में पेपर संख्या के मान से बहुत कम निकले। जिस विद्यालय में 150 विद्यार्थी दर्ज हैं वहां के बण्डल में 12 पेपर पहुचाये गए थे। कुछ ऐसे स्कूल भी थे जहाँ पैकेट में सभी पेपर एक ही बिषय के निकले। अगर ये त्रुटि जिले के 10-20 विद्यालयों में होती तो इसे त्रुटि मान सकते थे परंतु जिले के किसी भी विद्यालय को छात्र संख्या के मान अनुसार एवं विषय अनुसार प्रश्नपत्र प्राप्त नहीं हुए।
इसके पश्चात् शिक्षकों ने पेपर कम होने के कारण बोर्ड पर पेपर लिखवा कर हल करवाए। प्रिंटिंग प्रेस ने शासन को चूना लगाया और वरिष्ठ अधिकारी रात को रजाई ओढ़ कर सोते रहे और सुबह जगे तो इस प्रतिभापर्व कांड पर भी रजाई डालने में लग गए।
इनपुट: एक कर्मचारी, शिवपुरी
इनपुट: एक कर्मचारी, शिवपुरी