
अभय मिश्रा ने प्रदेष सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि पंचायतीराज संगठन ने अपनेे अधिकारों की मांग को लेकर 2 दिसम्बर को भोपाल में आयोजित कोर कमेटी के बैठक में निणर्य लेते हुए प्रदेष सरकार को मांगे माने जाने के लिए सात दिवस का समय दिया था। सात दिवस में मांगे ना माने जाने पर मैहर चुनाव में बीजेपी को हराने की बात कही थी।
जिसके बाद मीडिया के माध्यम से ज्ञात हुआ कि प्रदेश सरकार पंचायतीराज के प्रतिनिधियों की सभी मांगे मानने के लिए तैयार हो गयी हैं ओर मुख्य सचिव को इसकी तैयारी करने के निर्देष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चोहान ने दिए हैं।
अभय मिश्रा ने कहा कि मीडीया व सरकारी सूत्रो से ज्ञात हुआ कि विधानसभा सत्र के समापन के बाद प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चोहान पंचायतीराज के जनप्रतिनिधियों को अधिकार दिए जाने की घोषणा कर सकते है।
अभय मिश्रा ने कहा कि इस खबर के बाद हमने विधानसभा सत्र की समाप्ती तक आंदोलन को विराम दे दिया है। विधानसभा सत्र के बाद आगामी रणनीति तय की जाएगी।
अभय मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चोहान पंचायत प्रतिनिधियों के मांग के अनुरूप 1994 के तर्ज पर समूचे अधिकार उन्हे देते हैं तो यह पंचायतीराज संगठन की बडी जीत होगी। मिश्रा ने कहा कि पिछले पांच माह से पंचायतीराज संगठन के बैनरतले प्रदेश भर के पंचायत प्रतिनिधि अपने अधिकारो की मांग के लिए आंदोलनरत थे, पंचायतीराज के किर्यान्वन और अधिकारीराज के खिलाफ पंचायतीराज संगठन की इस आंदोलन की मांगो को शायद पंचायतीराज के जनप्रतिनिधी ठीक ढंग से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चोहान के सामने नही पहुच पाये। जिसके चलते पंचायतीराज के अधिकारो के लिए जनप्रतिनिधियों को इतना लंबा सर्घष करना पडा। अभय मिश्रा ने कहा कि यह त्रिस्तरीय पंचायतीराज संगठन की बडी जीत होगी।