प्रमोशन ठुकराया, मप्र में ही रहना चाहते हैं मेनन

भोपाल। झाबुआ उपचुनाव हारने के बावजूद संघ के बॉसेस प्रदेश के संगठन महामंत्री अरविंद मेनन से नाराज नहीं हैं। भाजपा और संघ के नेता मानते हैं कि राजनीतिक प्रबंधन, चुनावी रणकौशल और कार्यकर्ताओं को मोबलाइज करने के मामले में अरविंद मेनन का सानी नहीं है। संघ निवृतमान सरकार्यवाह सुरेश सोनी तो उनके मुरीद थे ही वर्तमान सहसरकार्यवाह डा. कृष्णगोपाल भी उनके कायल हैं। संघ के श्री मेनन से संतुष्ट होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि वे संघ के प्रचारकों से बेहतरीन तालमेल रखते हैं। उनका प्रदेश के सभी विभाग प्रचारकों से संवाद है। इसके अलावा मेनन पर किसी तरह के अर्थिक भ्रष्टाचार का मामला भी नहीं है। 

सूत्रों के अनुसार अगले वर्ष उप्र, पंजाब और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होना है। संघ चाहता है कि अरविंद मेनन को तरक्की देकर उन्हें राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री बनाया जाए और उप्र की कमान दी जाए। अरविंद मेनन हालांकि मलायली ब्राह्मण हैं, उनका परिवार त्रिचुर का है, लेकिन उनका बचपन काशी में बीता है। उनका परिवार अभी भी काशी में रहता है। इसलिए वे काशी से वाकिफ हैं। अभाविप में संगठन मंत्री रहते हुए वे कुछ समय उप्र मे रहे थे। इसलिए उन्होंने उप्र चुनाव में जाने से इनकार नहीं किया है, लेकिन वे तरक्की पर जाकर प्रदेश नहीं छोडऩा चाहते। सीएम भी अगले विधानसभा चुनाव तक मेनन के प्रदेश में ही रखना चाहते हैं। 
  • इनपुट: अवधेश बजाज, संस्थापक, बिच्छू डॉट कॉम
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