
तत्कालीन मोरारजी देसाई की सरकार ने इसके बाद उन्हें संसद के सत्र जारी रहने तक के लिए जेल भेज दिया गया था। उन पर संसदीय विशेषाधिकार के हनन का आरोप था। इंदिरा संसद भवन में गिरफ्तारी के आदेश मिलने तक टिकी रहीं।
आखिरकार रात के आठ बजकर 47 मिनट पर उन्हें स्पीकर के दस्तखत वाला अरेस्ट ऑर्डर दिया गया। गिरफ्तारी के बाद वह संसद के उसी दरवाजे से बाहर निकलीं जहां से वह प्रधानमंत्री की हैसियत से बाहर निकला करती थीं।
उन्हें तिहाड़ जेल के वार्ड नंबर 19 में रखा गया था। इस गिरफ्तारी के बाद तकरीबन हफ्ते भर तक इंदिरा गांधी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद रही थीं। इस दौरान सोनिया गांधी खुद खाना लेकर इंदिरा के लिए तिहाड़ जेल जाती थी। इससे पहले जनता सरकार के समय इंदिरा गांधी की तीन अक्टूबर, 1977 को भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में उन्हें तकनीकी आधार पर रिहा कर दिया गया।