
पत्रकारों से बातचीत में गोविन्द सिंह ने कहा कि मप्र में कोई विकास नहीं है। सभी विभागों में अंधेरगर्दी चल रही है, लेकिन प्रदेश के अन्दर सबसे खराब हालत स्वास्थ्य विभाग की है। मरीजों को शासकीय अस्पतालों में दवा नहीं मिल पा रही है। जूनियर डॉक्टरों को जिला स्तर के अस्पतालों की कमान दी जा रही है। आए दिन मरीजों के साथ इलाज के नाम पर हादसे हो रहे हैं। नकली दवाएं दी जा रही हैं जो कि लोगों के लिए काफी नुकसानदायक है।
धन्यवाद देता हूं अनूप को
कांग्रेस विधायक ने कहा कि मै मुरैना सांसद अनूप मिश्रा को बधाई देता हूं कि जब वो चिकित्सा मंत्री थे तो उन्होंने ग्वालियर में मेडिकल यूनिवर्सिटी के लाने का प्रयास किया था। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा का स्वास्थ्य विभाग के प्रति कोई ध्यान ही नहीं है। वह, तो बस अपने माल पानी की व्यवस्था में लगे रहते हैं।
भूमाफियों को लाभ पहुंचाया
चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि मप्र के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्र ने जो दतिया में मेडिकल कॉलेज की नींव रखी है वह भी शहर से दस किलोमीटर की दूरी पर है । जिससे भूमाफियों को लाभ पहुंचाया जा सके। वह ऐसी ही प्लांनिग से काम करते हैं। यहां तक कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में बना लहार का अस्पताल आज खुद बीमार है। कोई डॉक्टर की व्यवस्था नहीं है। न मरीजों को दवा मिलती है और न समय पर डॉक्टर।
पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि मप्र के स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। अगर उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया तो उनकी शिकायत लोकायुक्त में की जाएगी। प्रेसवार्ता के दौरान उनके साथ कांग्रेस नेता वासुदेव शर्मा भी मुख्य रूप से उपिस्थत थे।