
इसके बाद उन्होंने जेल परिसर के बाहर स्थित हनुमानजी और शनि महाराज के मंदिर में पूजा की। जेल से निकलकर वे सीधे भोपाल में बायपास स्थित सुमित विहार पहुंचे और अपनी मां से मिले। वे करीब 11.30 बजे मां और बहन का आशीर्वाद लेकर विदिशा के लिए रवाना हुए।
मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि ग्रह-नक्षत्र खराब थे, अब स्थितियां ठीक हो गई हैं। करीब 500 गाड़ियों में सेंट्रल जेल पहुंचे उनके समर्थकों ने आतिशबाजी कर जश्न मनाया। हार-फूल मालाएं लेकर सुबह आठ बजे से ही लोग वहां जमा होने लगे थे।लक्ष्मीकांत शर्मा के समर्थन में लोगों ने नारेबाजी भी की। गाड़ियों का काफिला उनके साथ उनके उनके घर तक गया।