ग्वालियर। राज्य सूचना आयोग ने संयुक्त कलेक्टर अखिलेश जैन के खिलाफ परनिंदा का दंड दिया है। श्री जैन के खिलाफ आरोप थे कि उन्होंने लोक सूचना अधिकारी के तौर पर आरटीआई में मांगी गई जानकारी निर्धारित अवधि में उपलब्ध नहीं कराई। वहीं आवेदक पर दबाव बनाया कि आरटीआई में मांगी गई जानकारी का वह कारण बताएं। आवेदक ने इसकी शिकायत राज्य सूचना आयोग को कर दी, जिस पर आयोग ने गत 8 अक्टूबर को संयुक्त कलेक्टर अखिलेश जैन के खिलाफ परनिंदा की सजा सुनाई।
राज्य सूचना आयोग ने अपने आदेश में यह भी बताया कि आरटीआई में किसी भी आवेदक को जानकारी मांगने के लिए कारण बताना आवश्यक नहीं है। एक लोक सेवक को आरटीआई के इस प्रावधान की जानकारी होना जरूरी है लेकिन आवेदक विनोद कुमार दुबे द्वारा जब बेदखली से संबंधित प्रकरणों की सूचियों की अनुभागवार प्रमाणित प्रतियां चाही गई तो एक संयुक्त कलेक्टर रैंक के ऑफिसर द्वारा आवेदक से आरटीआई में कारण पूछना गलत है। आयोग ने संयुक्त कलेक्टर को चेतावनी देते हुए भविष्य में इस तरह की वैधानिक त्रुटि न होने के लिए आगाह भी किया है।