
लुटेरे सूटकेस, बेग,पर्स जो कुछ समेटा जा सकता था समेट कर ही आगे बढ़ रहे थे। इतना ही नही महिलाओ और बच्चों से भी कोई रियायत नही की गई बल्कि जेवर, चूड़ी हार के अलावा मंगलसूत्र भी छीन लिए गए। सूत्रों के अनुसार उक्त डब्बे में बारात भी थी। जानकारी के अनुसार कुम्भराज के आगे चेन खींच कर लुटेरे भाग गए। घटना के आधे घण्टे बाद लकीर पीटती पीलिस पहुँची जिसने इस लूट में कंजरों का हाथ होने का अंदेशा जताया है।
यह पहली बार नही है कि लूट की वारदात हुई हो। गुना और कुम्भराज के बीच हर दो चार महीने के अंतराल से इस प्रकार की घटनाएं घटित हो रही हैं। रेलवे पुलिस घटनास्थल का दौरा कर कनिष्ठ अधिकारियों को डाँट फटकार लगा कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेती है बहुत ज्यादा दबाव होता है तो थाना प्रभारी पर गाज गिरा दी जाती है। ज्यादा से ज्यादा महीने पन्द्रह दिन एक टीम गठित कर सर्चिंग करा ली जाती है। मूल समस्या से निजात पाने कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत है जो न जाने कितनी और लूट होने के बाद उठाए जाएंगे यह भविष्य के गर्भ में है।