
उन्होंने इस बड़े हादसे पर राज्य सरकार द्वारा की गई कार्यवाही को महज एक लीपापोती बताते हुए इस घटना की सीबीआई से जांच की मांग व प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा से इस्तीफे की मांग भी की है।
आज यहां जारी अपने बयान में श्री मिश्रा ने कहा कि प्रदेश के शासकीय चिकित्सालयों में नकली, फंगस लगी, एक्सपायरी डेट की दवाओं के वितरण, केग की रिपोर्ट में 700 अमानक स्तर की दवायें पायी जाने, दान में दी गईं आंखें कचरा पेटी में मिलने, प्रसव के बाद बच्चे बदलने, आॅपरेशन के बाद औजार पेट में ही रह जाने, पोस्टमार्टम के बाद पैसा मांगने आदि घटनायें प्रत्यक्ष तौर पर सामने आने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे ने यमराज से ‘फ्रेंचाइजी’ ले रखी है। ऐसा सब कुछ विभागीय लापरवाही, भ्रष्टाचार और अकर्मण्यता की वजह से हो रहा है। यदि विभाग ऐसी घटनाओं पर समय रहते चेत जाता तो बड़वानी जैसे वीभत्स हादसे नहीं होते?
उन्होंने यह भी मांग की है कि इस घटना में संलिप्त डाॅक्टरों और आॅपरेशन के दौरान प्रयुक्त साॅल्यूशन ‘आईवाॅश’ की निर्माता कंपनी की भूमिका की सूक्ष्म जांच कर इनके विरूद्ध भी आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाये।