
साथ ही गुड़गांव के पुलिस कमिश्नर को पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। दुष्कर्म पीड़िता के वकील प्रदीप रापड़िया ने बताया कि 7 दिसंबर को हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद से ही परमिंदर सिंह राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए उसके मुवक्किल को परेशान कर रहा है।
पीड़िता के परिवार पर लगातार केस वापस लेने का दबाव बनाते हुए हलफनामा दाखिल करने को मजबूर किया जा रहा है। इतना ही नहीं, डिप्टी मेयर ने 11 दिसंबर को फिर पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया।
राजनीतिक दबाव का आलम यह है कि सेशन कोर्ट के अंतरिम जमानत रद्द करने के बावजूद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डिप्टी मेयर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।