
प्रदेश के विभिन्ना जिलों में मंडल चुनाव को लेकर विवाद एवं असहमति के मामलों पर पार्टी के दिग्गज नेताओं द्वारा समझाइश का दौर जारी है। कतिपय विधायकों द्वारा लगाए गए उपेक्षा के आरोपों पर भी सभी पक्षों में विचार मंथन किया गया। प्रदेश चुनाव प्रभारी ने एक चर्चा में बताया कि पार्टी ने कुल 51 जिले के 761 मंडलों में चुनाव की प्रक्रिया आयोजित की थी इसमें से 623 मंडलों के चुनाव संपन्ना हो चुके हैं। इन सभी स्थानों पर आम सहमति के आधार पर ही निर्वाचन किया गया। जिन जिलों में आम राय को लेकर परेशानी आ रही है वहां सभी पक्षों को विचार विमर्श करने के लिए कुछ और समय दिया गया है।
जिलाध्यक्ष 27 तक
उन्होंने बताया कि अगले एक-दो दिन में बाकी जिलों की चुनावी प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी। इसके तुरंत बाद जिलाध्यक्षों के चुनाव की तैयारी करेंगे। प्रयास यही है कि 26-27 दिसंबर तक सभी जिलों के चुनाव हो जाएं। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए बीजेपी की केंद्रीय इकाई अपनी ओर से तारीख का ऐलान करेगी। इसके साथ चुनावी पर्यवेक्षक भी तैनात किया जाएगा।
पांच जिले बाद में
बीजेपी में पांच जिलों में पहले से ही जिलाध्यक्ष के पद खाली पड़े हैं। इनमें जबलपुर, भोपाल, रीवा, ग्वालियर के अलावा नीमच भी है। इनमें ज्यादातर जिलाध्यक्ष दोहरी भूमिका में हैं जबकि सड़क हादसे में नीमच के जिलाध्यक्ष मंगल पटवा की मृत्यु हो चुकी है। निकाय चुनाव एवं मैहर में विधानसभा उपचुनाव के कारण शाजापुर, सीहोर, मंदसौर, अनूपपुर और सतना जिले में संगठन चुनाव बाद में कराए जाएंगे।