भोपाल। बदलती चुनावी फिजा और बीजेपी विधायकों की सरकार से बढ़ती नाराजगी के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डैमेज कंट्रोल की कोशिशें शुरू कर दीं। उन्होंने विधायकों को आश्वस्त किया कि अफसरों को जनप्रतिनिधियों की बातों को गौर से सुनने व अमल के कड़े निर्देश दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने ऐसे अफसरों के नाम भी पूछे जो विधायकों की अनदेखी कर रहे हैं।
कुछ विधायकों ने अफसरों के नाम लेने से परहेज करते हुए शिकायतें रखीं, वहीं एक महिला विधायक ने साफ कहा कि जिले के कलेक्टर व एसपी उनकी बात सुनना तो दूर फोन भी नहीं उठाते हैं। मुख्यमंत्री निवास पर शनिवार दोपहर बाद शुरू हुए चर्चा के क्रम में चौहान ने लगभग दर्जनभर विधायकों से अलग-अलग बात की।
हालांकि मानवेंद्र सिंह जैसे वरिष्ठ विधायक ने सात-आठ मिनट में अपनी बात पूरी कर ली, जबकि ममता मीना समेत कुछ विधायकों को बीस मिनट से ज्यादा वक्त लगा। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने विधायकों से क्षेत्र के मौजूदा हालातों के बारे में खास तौर पर जानकारियां लीं।
उनके पास भी इन क्षेत्रों में जारी कामकाज की जानकारियां थीं। एक विधायक ने जब अफसरशाही के रूखे रवैये और जनप्रतिनिधियों की बात नहीं सुनने की शिकायत की जो मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने जिन अधिकारियों को बदलने के लिए कहा था वह बदल चुके हैं, यहां तक कि आपके जिले का कलेक्टर भी बदल दिया गया है, और कोई हो तो बताएं।
बताएं दो सर्वोच्च प्राथमिकता
सूत्र बताते हैं कि चौहान ने हर विधायक से कहा कि वे अपने क्षेत्र की दो सर्वोच्च प्राथमिकता उन्हें बताएं। इन पर सबसे पहले अमल कराया जाएगा। उन्होंने अन्य विकास कार्यों की स्थिति,सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति,विजन डाक्यूमेंट के मुताबिक विकास कार्यों का ब्यौरा,मंत्रियों व अफसरों से तालमेल, सूखा राहत वितरण के संबंध में भी चर्चा की।