
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मध्य प्रदेश के बाहर राजनीति करने के बारे में कभी नहीं सोचा. मेरा दिल इस राज्य में बसता है. मैं राज्य के लोगों के कल्याण के लिए काम करता रहूंगा.’’ भाजपा शासित मध्य प्रदेश में बतौर मुख्यमंत्री हाल ही में दस साल पूरे करने वाले चौहान ने कहा कि विभिन्न सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए उन्होंने एक व्यवस्था बनायी. उन्होंने कहा, ‘‘पहले भर्ती के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी. मैंने भर्ती और चयन प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया. मैंने ही व्यापम में अनियमितताओं का पर्दाफाश किया न कि मीडिया या कांग्रेस ने.’’
उन्होंने कहा कि मीडिया में इस घोटाले को जोर शोर से उठाये जाने के बाद बस उन्होंने ही सीबीआई जांच की सिफारिश की. चौहान ने कहा, ‘‘कुछ लोगों ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए हाई कोर्ट से संपर्क किया था. लेकिन उसने ‘ना’ कहा. सुप्रीम कोर्ट ने भी यही बात कही. मैंने विशेष कार्य बल (एसटीएफ) से जांच करवायी. मैंने उनसे कहा, आरोपी कितने ही रसूखदार क्यों न हो, आप उन सभी को पकड़िए. मैंने एसटीएफ में सबसे अधिक ईमानदार अधिकारी को रखा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब मीडिया में यह विषय जोरशोर से उठा तो मैंने इसे सीबीआई के पास भेजने का फैसला किया.’’ व्यापमं घोटाला सरकारी नौकरियों में भर्ती और अभियांत्रिकी और मेडिकल जैसे विभिन्न पेशेवर पाठ्यक्रमों में चयन में अनियमितताओं से संबंधित है. ये भर्तियां और चयन मध्य प्रदेश व्यवसायिक परीक्षा बोर्ड या व्यापम ने किए थे. चौहान ने उनकी सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का जिक्र किया जिनमें बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्यक्रम भी शामिल है.