
प्रशासनिक न्यायमूर्ति राजेन्द्र मेनन व जस्टिस केके त्रिवेदी की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अवमानना याचिकाकर्ता सिख एजुकेशन सोसायटी का पक्ष अधिवक्ता एनएस रूपराह ने रखा। उन्होंने दलील दी कि सोसायटी हरिसिंह रूपराह कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय खोलने की दिशा में सक्रिय है। इसकी राह में उच्च शिक्षा विभाग का 20 किलोमीटर के दायरे में कोई दूसरा कॉलेज न होने का अनुचित नियम बाधक बन रहा है। हाईकोर्ट पूर्व आदेश के जरिए इस नियम को अवैध करार दे चुका है। इसके बावजूद उच्च शिक्षा विभाग घुमा-फिराकर मनमानी पर उतारू है।