भोपाल. म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि राष्ट्रीय पेंशन समिति नई दिल्ली के आव्हान पर ई.पी.एफ. की पेंशन बढ़ौतरी के लिए म.प्र. के संविदा कर्मचारी - अधिकारी भी 6 दिसम्बर को नई दिल्ली के लिये रवाना होंगेें और जंतर मंतर पर प्रदर्शन करेंगें ।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि केन्द्र सरकार ई.पी.एफ. पेंशनधारियों के साथ धोखा कर रही है। वर्तमान में ई.पी.एफ. की न्यूनतम पेंशन तीन सौ रूपये तथा अधिकतम् पेंशन ढाई हजार रूपये हैं जो कि ऊट के मुह में जीरे के बराबर है । वहीं जीपीएफ जमा करने वाले कर्मचारियों की पेंशन पच्चीस हजार के लगभग होती है और ई.पीएफ. पेंशन धारियों की पेंशन तीन सौ रूपये से चालू होकर अधिकतम् ढाई हजार होती है । जबकि ई.पी.एफ. में कर्मचारियों का कटोत्रा भी किया जाता है । ई.पी.फ. कटोत्रा होने वाले कर्मचारियों का अपने सेवाकाल में लगभग दस से पन्द्रह लाख रूपये जमा होता और उनको पेंशन मात्र तीन सौ रूपये से लेकर अधिकतम ढाई हजार रूपये ही पेंशन दी जाती है । यदि कर्मचारी इतना पैसा बैंक में रखे तो उसे पन्द्रह हजार रूपये प्रतिमाह ब्याज ही प्राप्त हो । महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि वर्तमान में ई.पी.एफ. अंशधारियों की संख्या ग्यारह करोड़ अट्हत्तर लाख है । जिनका दो लाख करोड़ रूपये केन्द्र सरकार के पास जमा है सरकार को इस पर सत्रह हजार करोड़ रूपये केवल ब्याज ही प्राप्त होता है ।
जिन कर्मचारियों को 58 साल की आयु के पश्चात् पेंशन बांटी जा रही है वो मात्र पांच हजार करोड़ रूपये हैं । केन्द्र सरकार केवल कर्मचारियों की जमा राशि के ब्याज मात्र से ही पेंशन बांट रही है । इसलिए केन्द्र सरकार को न्यूनतम पेंशन तीन सौं रूपये की बजाए पन्द्रह हजार करनी चाहिए तथा अधिकतम् पचास हजार रूपये दी जानी चाहिए। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि ई.पी.एफ. पेंशन बढ़ौतरी के लिए पूरे प्रदेश से दस हजार संविदा कर्मचारी 7 दिसम्बर को केन्द्र सरकार का का घेराव करने के लिए दिल्ली के जंतर- मंतर पहुंचेंगें ।