
इस बीच यह तस्दीक नहीं हो सकी है कि प्रधानमंत्री को यह सूचना किस स्रोत से पहुंची कि मजदूर दिलीप ने फ्री सेवा के जरिए यह टायलेट बनाए हैं। सूत्रों के मुताबिक पीएमओ तक सूचना पहुंचाने के पीछे ब्यूरोक्रेसी से लेकर पीएमओ का अपना सिस्टम भी काम करता है।
मोदी ने कहा था, दिलीप मुफ्त में दे रहे हैं सेवाए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात में दिलीप सिंह का जिक्र करते हुए कहा था कि दिलीप सिंह बिना मजदूरी लिए सौ से ज्यादा शौचालय बना चुके हैं। मैं दिलीप का हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं, अभिनंदन करता हूं। देश के संबंध में निराशा की बातें कभी-कभी सुनते हैं, लेकिन ऐसे कोटि-कोटि दिलीप सिंह है इस देश में जो अपने तरीके से कुछ-न-कुछ अच्छा कर रहे हैं। पीएम ने कहा था दिलीप ने अनूठा काम किया है। उन्होंने तय किया कि अगर कोई मेटेरियल उपलब्ध करता है तो शौचालय बनाने की मजदूरी वो नहीं लेंगे। वह 100 शौचालयों का निर्माण कर चुके हैं। उन्हें बहुत-बहुत बधाई।
योजना का पैसा मिलना था, इसलिए उधारी में किया काम: दिलीप
मोदी की मन की बात में जिक्र के बाद दिलीप सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी पंचायत में आने वाले भोजपुरा, मोहनपुरा, सीधा पठारिया और बांका पठारिया के अलावा कला खेड़ी गांव में सौ से ज्यादा शौचालय बना दिए हैं। उन्होंने बताया कि उनके गांव में गंदगी बहुत रहती थी, लोग शौचालय बनवाना भी चाह रहे थे, लेकिन पैसा नहीं था। सरकारी अधिकारी गांव आए तो उन्होंने बताया कि गांव के लोग शौचालय बनवा लें सरकार उन्हें 12 हजार रुपए देगी। इस घोषणा के बाद उन्होंने लोगों से कहा कि वे उधारी में शौचालय बना देंगे। तब से शौचालय बनाने का काम कर रहे हैं।