विधानसभा में गूंजा ई-पंजीयन और ई-स्टापिंग का मामला

भोपाल। ई-पंजीयन और ई-स्टापिंग व्यवस्था की खामियों को दूर करने का काम 9 करोड़ रूपये में विप्रो को सौंपा गया है । जिससे साफ्टवेयर में बग आदि की समस्याओं का समाधान तत्परतापूर्वक किया जा सके। 

यह जानकारी आज राज्य विधानसभा में विधायक चेतन्य कुमार कश्यप को वाणिज्यिक कर मंत्री जयंत मलैया ने दी । श्री काष्यप ने ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से ई-पंजीयन और ई-स्टापिंग व्यवस्था का सुचारू रूप से संचालन नहीं हो पाने और उसके कारण लोगों को हो रही परेशानियों का मामला उठाया था । उन्होनें कहा था कि साख सीमा में रोजाना किसी न किसी प्रदाता के खाते से अचानक राशि कम हो जाना,  स्टाॅम्प की राशि कट जाने पर भी प्रिटिंग न होना, बैंक से राशि ट्रांसफर करने तथा चालान जनरेट हो जाने पर भी साख सीमा में राशि नहीं आने, कम्प्युटर प्रोगामिंग की गलतियों और इंटरनेट की लो-फ्रीक्वेंसी के कारण समस्याएं हो रही हैं। 

उन्होनें रतलाम के सेवाप्रदाताओं गोपाल मंत्री, लोकेष जैन, अमित राठौर, वीरेन्द्र पीतलिया, संतोष भरगट, रेखा भरगट, महेन्द्र षर्मा, अमित षर्मा, नीलेष गांधी और सौरभ गांधी आदि की षिकायतों का उल्लेख करते हुए  वाणिज्यिक कर मंत्री से व्यवस्था में हो रही परेशानियों का शीघ्र समाधान निकालने का आग्रह भी किया था ।

श्री मलैया ने अपने जवाब में बताया कि रतलाम से 27 शिकायतें प्रतिवेदित हुई थी । इन सभी का समाधान कर दिया गया है । इस पर जब श्री काष्यप ने उनका ध्यान रेखा भरगट, नीलेष गांधी और वीरेन्द्र पीतलिया की समस्याओं का निराकरण नहीं होने की तरफ दिलाया तो मंत्री जी ने कहा कि उनका भी समाधान हो गया है । 

श्री काष्यप ने रतलाम में पंजीयन कार्यालय उपरी मंजिल पर होने से  वृध्दों और विकलांगों को हो रही परेषानियों का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले अधिकारी नीचे आकर उनके पंजीयन का काम कर देते थे परन्तु ई-पंजीयन में ऐसा नहीं हो पा रहा है । रतलाम की समस्याओं से आप अवगत हैं ।  प्रदेष में अन्य जगहों पर भी वृध्दों और विकलांगों को इसी तरह की परेषानियों से जूझना पड़ रहा है ।  इस पर मंत्रीजी ने कहा कि उनकी समस्यायें भी दूर कर दी जायेंगी । 

वाणिज्यिक कर  मंत्री श्री मलैया ने अपने जवाब में कहा कि जनहित को दृष्टिगत रखते हुए 1 अगस्त 2015 से यह व्यवस्था प्रदेष में लागू की गई है । यह यूजर फ्रेण्डली है और इससे भ्रष्टाचार को भी समाप्त किया जा सकेगा । संपदा के तहत अब तक लगभग 4200 षिकायतें आई थीं जिनमें से तकरीबन 3100 का तत्काल  निराकरण कर दिया गया है । उन्होनें कहा कि षुरूआती दौर में इसमें कुछ खामियां आई थी । अब षिकायतों में कमी आई है । इस व्यवस्था से अब तक 1 लाख 98 हजार 376 दस्तावेजों का ई-पंजीयन हो चुका है। रोजाना तकरीबन दो हजार दस्तावेजों का पंजीयन हो रहा है । ई-पंजीयन और ई-स्टापिंग से षासन को अब तक 895 करोड़ 37 लाख रूपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है ।  इससे षासन को हानि नहीं हो रही है । वर्तमान में संपदा साफ्टवेयर के माध्यम से इस व्यवस्था का संचालन हो रहा है।
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