ग्वालियर। हाईकोर्ट की युगलपीठ ने राज्य महिला आयोग का गठन नहीं किए जाने को लेकर शासन को 6 सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। शासन को नियुक्ति नहीं होने के कारणों से कोर्ट को अवगत कराना है। एक साल से पद खाली होने की वजह से केसों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। डॉ. जयमाला मिश्रा ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है।
याचिका में बताया गया है कि 13 सितंबर 2014 से राज्य महिला आयोग की नियुक्ति नहीं हुई है। अध्यक्ष व 6 सदस्य सामाजिक, विधि, चिकित्सा क्षेत्र से नियुक्त होते हैं। आयोग में महिलाएं अपने साथ होने वाले अत्याचार की शिकायत कर सकती हैं। जब आयोग का कार्यकाल खत्म हुआ था, तब 2 हजार केस लंबित थे। प्रतिदिन 200 केस आयोग में आते थे।
आयोग की अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति नहीं होने से महिलाओं को परेशानी आ रही है। उनकी परेशानियों को सुनने वाला कोई नहीं है। इसके अलावा आयोग जेल का निरीक्षण भी कर सकता है, लेकिन वह निरीक्षण भी नहीं हुए हैं। सरकार आयोग की नियुक्ति को लेकर गंभीर नहीं है। महिलाओं की समस्या को देखते हुए आयोग का गठन किया जाए। कोर्ट ने शासन को जवाब पेश करने के लिए 6 सप्ताह का समय दिया है।
