गोद में ले जाना पड़ा बेटी का शव, अस्पताल ने नहीं दिया शव वाहन

शहडोल। शहडोल जिला अस्पताल में एक बार फिर अस्पताल प्रशासन का अमानवीय चेहरा सामने आया है. बुखार से पीड़ित मासूम ऊषा की इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद पिता जगत सिंह अस्पताल में ही बेटी की लाश लेकर शव वाहन के लिए गुहार लगाता फिरता रहा, लेकिन किसी भी कर्मचारी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी.

हार कर बेबस पिता अपनी बेटी के शव को गोदी में लेकर पैदल ही घर की ओर निकल गया. रास्ते में एक परिचित का ऑटोवाला मिला तो उसने जगत सिंह को 30 किलोमीटर दूर उनके घर बिना किसी किराए के छोड़ा.
हैरानी की बात ये है कि शव बाइक पर ले जाने के मामले में शव वाहन नहीं होने की बात का बहाना बनाने वाले जिला अस्पताल के पास अब एक नहीं बल्कि पांच शव वाहन भी हैं, बावजूद इसके इस बेबस पिता को वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया. ऐसे में अस्पताल में शव वाहनों की मौजूदगी भी व्यर्थ ही साबित हो रही है.
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!