
नए नियम के मुताबिक प्रधानी का चुनाव वही महिला लड़ सकती है जो कम से कम 8 वीं पास हो. असगर पांच साल से प्रधान हैं. लेकिन वो इस बार भी वो प्रधानी की कुर्सी हाथ से जाने नहीं देना चाहते हैं.
मकसूद की दूसरी पत्नी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर हैं जो कि ग्रेजुएट हैं. मकसूद से जब उनकी नई शादी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने ज्यादा बात करने इनकार दिया. इतना जरूर बताया कि पहली शादी 2007 में हुई थी.
मेवात के गांव सिगार के सरपंच हनीफ की पत्नी ने घर से प्रधानी न जाए इसलिए खुशी-खुशी अपने पति की दूसरी शादी करा दी. उनका नाम जाहिरा है. पहले तो जाहिरा ने अपने पति को दूसरी शादी के लिए मनाया. उसके बाद अपनी एक रिश्तेदार साजिदा जो कि भी शादी के लिए हामी भरवाई. दोनों का निकाह हो गया है और अब प्रधानी के चुनाव की तैयारी हो रही है.