रीवा। बॉलीवुड के शोमैन राजकपूर का आज जन्मदिन है। 14 दिसंबर 1924 को पेशावर (अब पाकिस्तान) में जन्मे राजकपूर के बारे में ये बात कम ही लोग जानते हैं कि वो मध्यप्रदेश के दामाद थे।
ग्रेट शो मैन स्वर्गीय राजकपूर की रीवा से भावनात्मक स्मृतियां जुड़ी हुई हैं। राजकपूर का विवाह तत्कालीन रीवा आईजी करतार नाथ मल्होत्रा की बेटी कृष्णा मल्होत्रा के साथ सम्पन्न हुआ था।
रीवा से राजकपूर के रिश्ते की नींव महज 20 साल की उम्र में जुड़ गई थी। रीवा के कलाप्रेमियों को उस दौर के रंगमच से रूबरू कराने के लिए पृथ्वीराज कपूर की नाटक कंपनी ने इस शहर में पहुंची थी। उनके साथ दोनों बेटे राजकपूर और शम्मी कपूर भी थे। शम्मी कोई 15 साल के और राजकपूर 20 साल के थे।
पृथ्वीराज कपूर की यह रंगमंचीय यात्रा, कपूर खानदान से रीवा का रिश्ता प्रगाढ़ कर गई। उस वक्त करतार सिंह रीवा के आईजी थे। पृथ्वीराज कपूर उनके अतिथि बन गए। मेहमाननवाजी से शुरू हुआ पहचान का सिलसिला आगे चलकर रिश्ते में बदल गया। करतारनाथ सिंह की बेटी कृष्णा का राजकपूर से ब्याह तय हुआ।
भारतीय सिनेजगत के ग्रेटशोमैन राजकपूर की बारात रीवा आई थी। ब्याह उसी सरकारी बंगले में हुआ जो आजकल पुलिस अधीक्षक का बंगला है। बाराती रॉयल मेंशन (स्वागत भवन) में रूके थे। इस तरह रीवा का रिश्ता बॉलीवुड़ के उस महान परिवार से जुड़ गया जिसकी हर पीढ़ी बड़े परदे पर धूम मचा रही हैं।
'रीवा' के नाम पर बेटी का नाम
बहुत कम लोगों को जानकारी है कि राजकपूर और कृष्णा कपूर ने अपनी बेटी का नाम रीवा से प्रभावित होकर 'रीमा' रखा था। माना जाता है कि इस शहर की स्मृतियों को संजोए रखने के लिए बेटी को यह नाम दिया गया था।
शम्मी कपूर ने रीवा में सीखी थी घुड़सवारी
कृष्णा मल्होत्रा के भाई ख्याति प्राप्त कलाकार प्रेमनाथ, राजेन्द्र नाथ मल्होत्रा थे। इन कलाकारों और रीवा से राजकपूर के साथ ही उनके छोटे भाई शम्मी कपूर का आत्मीय रिश्ता जुड़ गया था। शम्मी कपूर ने तैराकी और घुड़सवारी रीवा में ही सीखी थी।