भोपाल। क्राइम ब्रांच के मुताबिक 24 साल की रीना भोपाल के बजरिया इलाके में रहती है। रीना पहले बेरोजगार युवकों से संपर्क कर नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाती थी। महिला होने के कारण कोई भी युवक रीना पर आसानी से भरोसा कर लेता था। इसके बाद रीना उन युवकों के मोबाइल नंबर अपने साथी दमोह निवासी शैलेन्द्र यादव जो वर्तमान में अशोका गार्डन इलाके में रह रहा था उसे देती। शैलेन्द्र उन युवकों से संपर्क कर बीस से चालीस हजार रुपए की मांग करता था। जैसे ही युवक राजी होते उन्हें फर्जी नियुक्ति आदेश दे दिया जाता था। जब युवक ज्वाइन करने पहुंचते तो ठगे जाने का असहसास होता था। क्राइम ब्रांच ने रीना के साथ शैलेन्द्र, महेश पेंटर, मनोज गुप्ता और महेन्द्र राय को गिरफ्तार कर लिया है।
बनवा रखी थी मप्र शासन की फर्जी सील
शैलेन्द्र ने अपने मित्र महेश पेंटर के जरिए एमपी नगर जोन-1 से मनोज गुप्ता की दुकान से मप्र शासन की फर्जी सील बनवा रखी थी। इन फर्जी सीलों का इस्तमाल करके ही शैलेन्द्र नियुक्ति पत्र तैयार करता था। फर्जी नियुक्ति पत्र का फॉर्मेट जिस पर मप्र शासन का मोनाे लगा होता था, वो महेन्द्र राय की फोटो कॉपी दुकान से तैयार करवाया जाता था। महेन्द्र की दुकान छोला मंदिर क्षेत्र में है।
