
सीईओ डॉ. आरके दूरवार के मुताबिक दो वर्ष पहले सुबोध ने काम छोड़ दिया था। संघ का पूरा काम एसबीआई से होता है। संघ से जारी हुए चेक एसबीआई के नाम से होते थे। बैंक से मिले दस चालानों में नंबर नजर नहीं आए। इस पर बैंक से चेक की जानकारी निकलवाई तो पता चला कि उनमें एसबीआई की जगह सुबोध लिखा था। दरअसल, एसबीआई लिखने में अक्षरों के बीच गैप रहता था। इसी गैप में सुबोध ने
S के बाद U,
B के बाद O,
I को D बनाकर फिर H लिख दिया।
इसके आगे उन्होंने महेश्वरी लिखा था। सुबोध ने ऐसा बीते तीन वर्षों के दस चेक में किया है। गड़बड़ी का पता चलने के बाद इस संबंध में थाने में शिकायत की गई थी।