नईदिल्ली। मोदी का विरोध लंदन तक पहुंच गया है। 'असहिष्णुता' जिसका अर्थ ज्यादातर मध्यमवर्गीय नहीं जानते, अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। मोदी की लंदन यात्रा से ऐन पहले संसद की दीवार पर लिख दिया गया है, मोटी नॉट वेलकम। भारतीय प्रधानमंत्री 12 नवंबर से ब्रिटेन के दौरे पर होंगे।
आवाज नेटवर्क ने दूसरे संगठनों से ब्रिटिश संसद में मोदी के भाषण की विरोध करने की अपील की है। तस्वीरों में मोदी को ओम चिह्न के सामने तलवार लिए दिखाया गया है, जो स्वस्तिक में बदल जाता है।
आवाज नेटवर्क के प्रवक्ता का कहना है कि मोदी जी डिजिटल इंडिया, क्लीन इंडिया और भारत को आत्मनिर्भर बनाने की बात करते हैं, लेकिन हकीकत में वो निरंकुश शासक की तरह व्यवहार कर रहे हैं जिसकी वजह से भारत की लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष विरासत खतरे में है।
आवाज नेटवर्क ने कहा कि 2002 में गुजरात दंगों के दौरान वो चुप थे। वो आज भी उस मुद्दे पर बोलने से बचते हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने ब्रिटिश सरकार से मोदी के सामने असहिष्णुता के मुद्दे को उठाने की अपील की है।
मोदी के विरोध में लंदन में कई संगठन आवाज नेटवर्क के साथ शामिल हैं जिनमें साउथ एशिया सॉलिडेरटी ग्रुप, सिख फेडरेशन यूके, दलित सॉलिडेरिटी नेटवर्क प्रमुख हैं।
